मरू प्रदेश || कौन – कौन से जिले होंगे शामिल || Maru Pradesh New State || नया राज्य

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नए राज्य मरू प्रदेश (Maru Pradesh New State) पर विस्तार से चर्चा करने वाले है इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा करेंगे

मरू प्रदेश  – Maru Pradesh New State

Table of Contents

Maru Pradesh

मरु प्रदेश क्या है?

मरु प्रदेश भारत के राजस्थान राज्य में मरुस्थल में एक भौगोलिक क्षेत्र है। यह भारत का संभावित राज्य है, इसकी राजधानी जोधपुर होगी। इस मरु प्रदेश को ही राजस्थान राज्य से अलग किया जाएगा। ताकि नए राज्य का निर्माण हो सके।
पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान वाले इलाके में लंबे समय से मरुप्रदेश के गठन को लेकर मांग उठती रही है। अब यह मांग विधानसभा के चुनाव से पहले एक बार फिर सामने आई है और काफी जोर-शोर में चल रही है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार विशेष सत्र में एक बिल को पास करके नए राज्य मरुप्रदेश का गठन कर सकती है।
इसी विशेष सत्र के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ’यह सत्र ऐतिहासिक रहने वाला है।’ हाल ही में चर्चा में है कि जल्द ही अयोध्या, मुंबई और मरु प्रदेश के गठन को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। अशोक गहलोत ने बजट सत्र में 19 नए जिलों का गठन करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया था, गहलोत ने इस मास्टरस्ट्रोक को चुनाव से पहले मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का एक बड़ा प्रयास था।
इसके जवाब में केंद्र की बीजेपी सरकार अब गहलोत को हराने की योजना बना रही है। आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी भी राजस्थान में मरुप्रदेश का गठन कर गहलोत के मास्टर स्ट्रोक को तोड़ सकती है।
यदि राजस्थान का दो भागों में बांटता है तो थार रेगिस्तान के हिस्से वाले 20 जिले मरुप्रदेश में शामिल हो सकते है।
इनमें श्री गंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, डीडवाना कुचामन, नीम का थाना, नागौर, फलौदी, जैसलमेर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, सांचौर और सिरोही, सीकर, पाली शामिल होंगे। लोकसभा के विशेष सत्र में केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान में मरुप्रदेश के गठन का बड़ा फैसला हो सकता है।

मरुप्रदेश में क्या है ख़ास?

नाम(राज्य)मरू प्रदेश
क्षेत्रफल2,13,883 वर्ग किमी.
जनसंख्या2,85,65, 500
साक्षरता63.80
शिक्षित बेरोजगार8 लाख
प्रति व्यक्ति आय252 रु.
कितने जिले होंगे शामिल20
खनिज उत्पादन(देश के संदर्भ में)14.70%

पहले भी मरुप्रदेश बनाने की उठी मांग –

स्वतंत्रता के बाद से ही मध्यप्रदेश के गठन की मांग उठ रही है। जब राजस्थान राज्य का निर्माण हो रहा था, तब जोधपुर और बीकानेर राज्यों ने इन राज्यों के विलय का काफी विरोध किया और दोनों राज्यों ने एक रेगिस्तानी राज्य के निर्माण का समर्थन किया। कहा जाता है कि जोधपुर के तत्कालीन शासक हनुवंत सिंह राजस्थान राज्य के विलय के विरोध में पहली लोकसभा में काली पगड़ी पहनकर गये थे।
 1953 में बीकानेर के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह ने राजस्थान और बीकानेर को एक रेगिस्तानी राज्य में विलय का विरोध किया।
जब 1956 में नए राज्य की स्थापना हुई, तो कई समझौता ज्ञापन जारी किए गए और सरकार ने सुरक्षा कारणों से राष्ट्रीय सीमाओं की अनदेखी की। समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तावित रेगिस्तानी क्षेत्र के समर्थन में आवाजें उठती रहीं।
1998 में जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह ने कहा कि ’’वह रेगिस्तान को रेगिस्तानी राज्य में परिवर्तित करके विकसित करेंगे।
जब प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में तीन नए राज्यों का निर्माण किया, तब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने कहा कि एक मरुप्रदेश के निर्माण से राजस्थान के समग्र विकास और देश की आंतरिक सुरक्षा में मदद मिलेगी।
साल 2001 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 नए राज्य बनाये तो उस समय मरु प्रदेश की मांग भी उठी। उसी दौरान तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत ने पत्र लिखकर मरुप्रदेश की मांग की थी।

पश्चिमी राजस्थान के विकास में तेजी –

पश्चिमी राजस्थान का यह इलाका राज्य के अन्य हिस्सों के मुकाबले बहुत पिछड़ा हुआ है। इसके पीछे वजह है कि यहाँ की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति अलग है। इस क्षेत्र की जलवायु, उद्योग, कृषि और जनसंख्या का वितरण भी अलग है। अगर यह इलाका एक नया राज्य बना, तो इस क्षेत्र के विकास में काफी तेजी आएगी।

पत्रिका की न्यूज –

राजस्थान में 19 नए जिले बनने के साथ ही प्रदेश की भौगोलिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। पश्चिमी रेतीले प्रदेश में अब जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 20 हो गई है। फलौदी, बालोतरा, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, नीम का थाना, सांचैर, और डीडवाना-कुचामन नए जिले के तौर पर शामिल हुए है।
इसका क्षेत्रफल करीब 2.10 लाख वर्ग किलोमीटर है। रेतीले प्रदेश में जिलों की संख्या 11 राज्यों केरल, आंध्रप्रदेश, हिमाचलप्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और गोवा से अधिक है। ऐसे में आने वाले समय में पश्चिमी राजस्थान मरु प्रदेश के तौर पर नए राज्य के तौर पर अस्तित्व में आ सकता है। देश में अंतिम बार जून 2014 में नया राज्य तेलंगाना बना था, जो आंध्रप्रदेश से अलग हुआ था।

किस भौगालिक प्रदेश में कितने नए जिले होंगे –

  • रेतीला प्रदेश – अब 20 नए जिले
  • अरावली क्षेत्र – पहले 13 जिले थे, अब सात नए जिले शामिल हुए है। इसमें सलूम्बर, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़ और खैरथल-तिजारा है। जयपुर ग्रामीण और खैरथल-तिजारा जिला पूर्वी मैदान का भी हिस्सा है।
  • पूर्वी मैदान – पहले दस जिले थे, अब पांच नए जिले शामिल हुए है। इसमें गंगापुर सिटी, डीग और शाहपुरा है।
  • दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश – कोई बदलाव नहीं हुआ। अब भी इसमें सात जिले है।
  • अरावली प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को मरुप्रदेश कहते है। वर्तमान में यहां जिलों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।

मरू प्रदेश के जिले

अनूपगढ़ जिले का नक्शा | Anupgarh District Map

अनूपगढ़

अनूपगढ़ (Anupgarh) को राजस्थान का नया जिला दिनांक 17मार्च 2023 को बनाया गया है। इसकी अधिसूचना 4 अगस्त 2023 को जारी हो गयी है । अनूपगढ़ जिले को श्रीगंगानगर और बीकानेर जिले से अलग करके बनाया गया है। श्रीगंगानागर से रायसिंहनगर, विजयनगर, अनूपगढ़, घडसाना और रावला और बीकानेर से खाजूवाला और छत्तरगढ़ तहसीलों को मिलाकर अनूपगढ़ जिले का निर्माण हुआ है। अनूपगढ़ जिले में 6 उपखंड और सात तहसील बनाये गए है  इसका मुख्यालय घग्गर नदी के किनारे बसा हुआ है और पाकिस्तान की सीमा के नजदीक है। अनूपगढ़ जिले की आकृति शेर के समान है। ऐतिहासिक तौर पर लैला मजनू की मजार अनूपगढ़ जिला मुख्यालय के सीमावर्ती गांव बिंजौर में स्थित है। अनूपगढ़ जिला मुख्यालय पर सीमा सुरक्षा बल की 23 वीं वाहिनी भी स्थित है।

अनूपगढ़ जिले की भौगोलिक स्थिति:

जिला नामअनूपगढ़
जिला बनाने की घोषणा17 मार्च 2023
जिले की अधिसूचना5 अगस्त 2023
राज्यराजस्थान
तहसील7
उपखंड6
क्षेत्रफल5,165 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या (2011)8 लाख 69 हजार 842
भाषाराजस्था नी ,पंजाबी , हिंदी
टेलीफ़ोन कोड01498

अनूपगढ़ जिले की तहसील के अनुसार जनसंख्या

क्रम संख्यातहसील नामजनसंख्या
1.अनूपगढ़184423
2.रावला
3.घड़साना171830
4.खाजूवाला88730
5.श्रीविजयनगर127345
6.रायसिंहनगर196455
7.छत्तरगढ़82488

अनूपगढ़ जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?

क्रम संख्यातहसील नाम
1.अनूपगढ़
2.रावला
3.घड़साना
4.खाजूवाला
5.श्रीविजयनगर
6.रायसिंहनगर
7.छत्तरगढ़

अनूपगढ़ जिले में शामिल सब – तहसीलें :

क्रम संख्यासब – तहसील
1.समेजा
2.जैतसर
3.मुकलावा
4.365 हेड
5.रामसिंहपुर

अनूपगढ़ जिला विशेष

  • सीमावर्ती जिले  – श्रीगंगानागर, बीकानेर
  • अनूपगढ़ बहिवर्ती जिला है। यह अंतर्राज्यीय सीमा नहीं बनाता है लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा  पाकिस्तान के साथ बनाता है ।
  • अनूपगढ़  के संस्थापक राजा अनूप सिंह थे
  • अनूपगढ़ का पुराना नाम चुंघेर था
  • घग्घर नदी के निकट जिला मुख्यालय
  • बीरबल दिवस – रायसिंहनगर
  • लेला मजनू का मेला यहाँ लगता है , जो वर्ष में दो बार लगता है।
  • डाडा पम्पाराम का मेला (विजयनगर)
  • रावला – घडसाना किसान आन्दोलन 2004-05 (केजरीवाल जांच आयोग)
  • बादलगढ़ फोर्ट
  • केलवाड़ दुर्ग
  • अम्बेर फोर्ट,रामगढ़ फोर्ट
  • रोजड़ी बाला जी का मंदिर –  रोजड़ी(अनूपगढ़)
  • जलवायु – अर्धशुष्क जलवायु

दर्शनीय स्थल:

  • 16 वीं और 17 वीं शताब्दियों में अनूपगढ़ का नाम चूंघेर था। 1678 ई. में यहाँ एक नवीन दुर्ग का निर्माण करवाया गया। जिसका नाम बीकानेर महाराजा अनूपसिंह के नाम पर अनूपगढ़ रखा गया।
  • गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ ,विजयनगर –  सिक्खों का परम धार्मिक स्थल बुढ़ा जोहङ गुरुद्वारा गंगानगर जिला मुख्यालय से 85 किमी. दूर स्थित है। बुढ़ा जोहङ गुरुद्वारे का निर्माण संत फतहसिंह ने करवाया था। इस गुरुद्वारे में प्रतिवर्ष अगस्त माह की अमावस्या को मेला भरता है। स्वर्ण मंदिर के बाद यह सिक्खों का सबसे बङा गुरुद्वारा है।
  • लैला मजनू मजार, बिंजौर(अनूपगढ़)
  • अनूपगढ़ दुर्ग  –  इसका निर्माण बीकानेर महाराजा अनूपसिंह ने करवाया था।
  • बीरबल स्मारक  – रायसिंहनगर। बीरबल दिवस 1 जुलाई को मनाया जाता है।

 

बालोतरा जिले का नक्शा | Balotra District Map

बालोतरा जिले का नक्शा

बालोतरा जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है यहां 17 मार्च 2023 को इसे जिला बनाने की घोषणा की गयी थी। वर्तमान में राजस्थान में कुल 50 जिले हो गए पहले राजस्थान में 33 जिले थे 19 नए जिले के निर्माण के बाद अब 50 जिले हो गए। बालोतरा को एक नया जिला घोषित कर दिया गया है इससे पूर्व या बाड़मेर जिले के अंतर्गत आता था। बालोतरा जिले में सात तहसीलें आती है। बालोतरा राजस्थान का एक औद्योगिक क्षेत्र भी माना जाता है, क्योंकि यहां से देश भर में कपड़े की आपूर्ति होती है। बालोतरा के पचपदरा में एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी भी निर्माणाधीन है।

बालोतरा जिले की भौगोलिक स्थिति:

जिला नामबालोतरा
राज्यराजस्थान
क्षेत्रफल
जनसंख्या (2011)10 ,40000
भाषाराजस्थानी , हिंदी
टेलीफ़ोन कोड

बालोतरा जिले में शामिल तहसीलें :

क्रम संख्यातहसील नाम
1.गिड़ा
2.बायतु
3.सिणधरी
4.पंचभदरा
5.सिवाना
6.कल्याणपुर
7.समदड़ी

बालोतरा जिला विशेष :

  • उपनाम – बाला की ढाणी, वस्त्र नगरी, पोपलिन नगरी।
  • लूनी नदी के किनारे ।
  • जलवायु  – अर्धशुष्क
  • कृषि जलवायु प्रदेश  – IIB
  • रंगाई और छपाई के लिए प्रसिद्ध।
  •  बजरंग पशु मेला – सिणधरी(बालोतरा)।
  • मल्लिनाथ का मेला  –  तिलवाड़ा(बालोतरा)
  • पंचपदरा झील –  पंचपदरा, बालोतरा
  • पार्श्वनाथ का मंदिर ,भेरव बाबा का मंदिर , मेवा नगर (नाकोड़ा)।
  • संत पीपा जी का मंदिर (समदडी,बालोतरा)।
  • बाँकीदास जन्म (भान्डियावास,पंचपदरा), इन्हें मारवाड़ का बीरबल भी कहा जाता है।
  • पेट्रो रिफायनरी – पंचपदरा(बालोतरा)।
  • अजरक प्रिंट – बालोतरा
  • मलीर प्रिंट  –  बालोतरा
  • प्रमुख फसलें  – अनार, मुंग, मोठ, बाजरा
  • बालोतरा से NH – 325 और NH – 25 गुजरता है

प्रमुख स्थल :

जसोल मंदिर(बालोतरा)  –

यह माता भटियानी माता का मंदिर है। यहाँ इनकी निर्वाण स्थली है।

नाकोड़ा का मंदिर –

इसकी स्थापना कीर्तिरत्न सूरी ने की। इसे मेवानगर भी कहा जाता है। यह जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ को समर्पित है। नाकोड़ा मंदिर में समावरण मंदिर है ।

  • रूपा दे का मंदिर  – पालिया गाँव
  • गोयनेश्वर महादेव मंदिर  – डंडाली गाँव (बायतु)

ब्रह्मा मंदिर :

आसोतरा (बालोतरा), इसका निर्माण खेताराम जी द्वारा किया गया है । भारत का दूसरा ब्रह्मा मंदिर है । यह संगमरमर से बना हुआ है।

  • नागेणीची माता मंदिर  – नागाणा (बालोतरा)
  • आंगी गैर  – कनाना गाँव (बालोतरा)

श्री मल्लीनाथ पशु मेला –

  • यह मेला तिलवाङा (बालोतरा) में स्थित है।
  • यह मेला वि.सं. 1431 को प्रारंभ हुआ।
  • यह मेला चैत्र कृष्ण 11 से चैत्र शुक्ल 11 (अप्रैल) को लगता है।
  • यह पशु मेला थारपारकर नस्ल के लिए प्रसिद्ध है।
  • राज्य का सबसे प्राचीनतम पशु मेला मल्लीनाथ पशु मैला है जो लूणी नदी के किनारे पर लगता है।
  • राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा पहली बार वर्ष 1957 में राज्य स्तरीय दर्जा।
  • इस मेले में ऊँट, घोङा और रथों के सुडौल बैलों की बिक्री होती है।
  • इस पशु मेले में कांकरेज नस्ल के बैल, मलानी नस्ल के घोङे और ऊँटों की बिक्री जोर-शोर से की जाती है।
  • श्री मल्लीनाथ पशु मेला वीर योद्धा रावल मल्लिनाथ की स्मृति में आयोजित किया जाता है।
  • मल्लीनाथ पशु मेला देशी महीनों के अनुसार सबसे पहले आने वाला पशु मेला है।
  • इस पशु मेले में सांचोर की नस्ल के बैलों के और मालानी नस्ल के घोङे और ऊँट की भी बिक्री होती है।
  • विक्रम संवत् 1831 में मल्लीनाथ के गद्दी पर आसीन होने के शुभ अवसर पर एक विशाल समारोह का आयोजन किया गया था उस समय से यह मेला लगता है।

सिवाना दुर्ग  –

इस दुर्ग को वीर नारायण पंवार द्वारा 946 ईस्वी में बनया गया था। इस दुर्ग में अजीत सिंह का दरवाजा है। इस दुर्ग में दो शाके हुए है। यहाँ भांडेलाव तालाब स्थित है। यह किला बालोतरा में हल्देश्वरपहाड़ी पर स्थित है । इस दुर्ग को मारवाड़ की संकटकालीन राजधानी कहा जाता है।

खेड़ – यह वैष्णव सम्प्रदाय का तीर्थ स्थल है । लूनी नदी के किनारे स्थित इस स्थान पर श्री रणछोड़ राय जी का मंदिर है । यह स्थल रेबारी जाति के लिए आस्था का केंद्र है ।

नीम का थाना जिले का नक्शा | Neem Ka Thana District Map

नीम का थाना जिले का नक्शा

नीम का थाना जिले का निर्माण सीकर व झुंझुनू जिले हुआ है। सीकर जिले से श्री माधोपुर और नीम का थाना उपखंड लिए गए है और झुंझुनू जिले से खेतड़ी और उदयपुरवाटी उपखंड लिए गए है। नीम का थाना हरियाणा के साथ अन्तर्राज्यीय सीमा बनाता है।

नीम का थाना जिले की भौगोलिक स्थिति- Geography of Neem Ka Thana District

जिला नामनीम का थाना
राज्यराजस्थान
संभागसीकर
क्षेत्रफलपता नहीं
जनसंख्या (2011)पता नहीं
भाषाराजस्थानी , हिंदी
पिनकोड 332713

नीम का थाना जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?

क्रम संख्यातहसील नाम
1.खेतड़ी
2.उदयपुरवाटी
3.पाटन
4.नीम का थाना
5.माधोपुर

नीम का थाना विशेष :

  • नीम का थाना जिले के साथ सीमा बनाने वाले जिले (4)  – सीकर, झुंझनु, जयपुर ग्रामीण, कोटपुतली – बहरोड़
  • नीम का थाना जिला सिर्फ एक राज्य हरियाणा से सीमा बनाता है
  • तोरावटी  बेसिन  – नीम का थाना
  • मालखेत की चोटी –  नीम का थाना
  • लोहार्गल की चोटी – नीम का थाना
  • बाबाई की चोटी  – नीम का थाना
  • गणेश्वर सभ्यता(ताम्रयुगीन सभ्यता की जननी) – नीम का थाना
  • सुनारी सभ्यता – खेतड़ी (नीम का थाना, उत्खनन कार्य 1980 – 81 में हुआ)
  • ताम्र जिला  – नीम का थाना
  • पन्नाशाह तालाब  – नीम का थाना
  • पंसारी की हवेली  – श्रीमाधोपुर (नीम का थाना)
  • खेतड़ी का महल – नीम का थाना
  • रामनारायण चौधरी का संबंध है  – नीम का थाना (रामनारायण चौधरी का संबंध बेंगु और बिजोलिया किसान आन्दोलन से है)
  • राजस्थान की ताम्र नगरी  – खेतड़ी
  • महासती रूप कंवर का संबंध है – दिवराला(नीम का थाना)
  • पीथमपूरी की झील(मीठे पानी की झील)  – नीम का थाना
  • कच्छीघोड़ी  और गीदड़ नृत्य प्रसिद्ध है  – नीम का थाना

फलौदी जिले का नक्शा | Phalodi District Map

फलौदी जिले का नक्शा

हाल ही में राजस्थान के 19 जिलों में फलौदी को भी नया जिला बनाया गया है। इसे जोधपुर से अलग कर जिला बनाया गया है। इस जिले में 9 तहसील है।  फलौदी जिले को नमक नगरी भी कहते है।

फलौदी जिले की भौगोलिक स्थिति- Geography of Phalodi District

जिला नामफलौदी
राज्यराजस्थान
क्षेत्रफलपता नहीं
जनसंख्या (2011)पता नहीं
भाषाराजस्थानी , हिंदी, मारवाड़ी
पिनकोड 342301

फलौदी जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?

क्रम संख्यातहसील नाम
1.नोख
2.बाप
3.घंटियाली
4.फलौदी
5.लोहावट
6.आहू
7देचू
8बापणि
9सेतरावा

फलौदी जिला विशेष:

  • फलौदी का पुराना नाम  – विजयनगर
  • सीमावर्ती जिले  –  बीकानेर, नागौर, जोधपुर ग्रामीण, जैसलमेर
  • फलौदी जिला अंतर्वर्ती जिला है
  • बाप रन – फलौदी
  • थोब रन – फलौदी
  • बाप झील,फलौदी झील  – खारे पानी की झीलें
  • मेघड़ासर  तालाब  – फलौदी
  • राज्य का सबसे बड़ा सोलर पार्क  – भड़ला(बाप)
  • चर्चित खींचन गाँव (कुरंजा  पक्षी की शरणस्थली )  – फलौदी
  • फलौदी जिला की आकृति आस्ट्रेलिया के समान है
  • लटियाल माता मंदिर  – फलौदी
  • लोक देवता पाबू जी पेनोरमा – कोलू, फलौदी
  • पाबूजी का जन्मस्थान  – कोलुमंड ,फलौदी
  • सोलर पार्क(नोख) – फलौदी
  • कोई भी नदी प्रवाहित नहीं होती है
  • सौर उर्जा में प्रथम स्थान
  • राजस्थान का सबसे शुष्क जिला  –  फलौदी जिला
  • मेहा जी मांगलिया का मंदिर  – फलौदी

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