अजमेर जिला – जिला दर्शन (राजस्थान) | नए आंकड़ों के साथ | RJ-01

आज के आर्टिकल में हम अजमेर जिला (Ajmer Jila) के बारे में विस्तार से जानेंगे, इस जिले से जुडी हर नई जानकारी पढेंगे। अजमेर जिले का क्षेत्रफल,भौगोलिक स्थिति,विधानसभा क्षेत्र, अजमेर जिले का मानचित्र, अजमेर जिले की सीमा, Ajmer jila ka Naksha, Ajmer jila Map, Ajmer jile ka Manchitra, Ajmer district tehsil list, Ajmer jila number, Rajasthan ka New Jila।

अजमेर जिले का नक्शा | Ajmer District Map

अजमेर जिले का नक्शा

पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र अजयराज द्वारा 1113 ई . में अजमेर(अजयमेरु) नगर की स्थापना की।अब वर्तमान में  ब्यावर और केकड़ी जिला बनने के बाद अजमेर में सात तहसील(अजमेर, पीसांगन, पुष्कर, नसीराबाद, किशनगढ़, रूपनगढ़ और अराई ) रह गयी है। वर्तमान में अजमेर संभाग में सात जिले है। अजमेर जिले के सीमावर्ती जिले(7) डीडवाना -कुचामन, जयपुर ग्रामीण, दूदू, टोंक, केकड़ी, ब्यावर और नागौर है।

अजमेर जिला की भौगोलिक स्थिति- Geography of  Ajmer District

जिला नामअजमेर
राज्यराजस्थान
शुभंकरखरमोर
प्राचीन नामअजमेर – मेरवाड़ा
संभागअजमेर
क्षेत्रफलज्ञात नहीं
जनसंख्या (2011)ज्ञात नहीं
भाषाराजस्थानी , हिंदी
पिनकोड305001
राजस्व गाँवज्ञात नहीं
जलवायुउपआर्द्र

अजमेर जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?

क्रम संख्यातहसील नाम
1.अजमेर
2.नसीराबाद
3.पुष्कर
4.पीसांगन
5अराई
6किशनगढ़
7.रूपनगढ़

अजमेर जिला विशेष:

  • अजमेर से लगने वाले सीमावर्ती जिले(7) – डीडवाना -कुचामन, जयपुर ग्रामीण, दूदू, टोंक, केकड़ी, ब्यावर और नागौर।
  • जल संभर परियोजना – अजमेर जिले की इस परियोजना को इंडिया टेक एक्सीलेंस पुरस्कार दिया गया है।
  • निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ सलेमाबाद में है।
  • राष्ट्रीय धरोहर – ब्रह्मा मंदिर को घोषित किया गया है।
  • अजमेर जिला गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
  • पंजाबी अकादमी – इसका मुख्यालय अजमेर में स्थापित किया जायेगा।
  • अशोक शिवानी – ऊँटों के ब्यूटिशीयन, ऊँट साजसज्जा प्रतियोगिता में तीन बार प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
  • भोमोदय पेयजल परियोजना – अजमेर जिले की भावी पेयजल परियोजना।
  • तारागढ़ का दुर्ग – राजा अजयराज द्वारा निर्मित अजयमेरु  दुर्ग के नाम से यह प्रसिद्ध है।
  • एक कतरा खून – अजमेर निवासी जे.डी. अश्वथामा द्वारा मंचित नाटक, हाल ही में इन्हें थियेटर डोरा मेवर मूर पुरस्कार से सम्मिलित किया गया है।
  • हाथीपट्टा गाँव – सोने तथा ताँबे के विशाल भंडार प्राप्त हुए हैं।
  • अरुणा राय – इनकी गतिविधियों का मुख्य केन्द्र तिलोनिया गाँव हैं।
  • अजमेर का पुराना नाम – अजेयमेरु। तारागढ़ व बिठली दुर्ग ऊँचे पर्वत पर स्थित होने के कारण इतिहास में आज तक अजय होने के कारण इस नगर का नाम अजेयमेरु पङा। कुछ इतिहासकार 12 वीं शताब्दी के शासक अजयराज के साथ भी अजेयमेरू को जोङते हैं।
  • अजमेर जिले में प्रवाहित होने वाली नदियों में बनास, खारी, साबरमती, सरस्वती, रूपनगर आदि मुख्य है।
  • अजमेर जिले में पुष्कर, बुढ़ा पुरस्कार सरगांव तथा करांतिया नामक प्राकृति झीलें हैं। कृत्रिम झीलों में अनासागर, फायसागर, फूल सागर, बिसाला रामसर, दिलवाङ, कालिंजर जवाजा तथा मकरेङा प्रमुख हैं।
  • अजमेर जिले में अनेक अधात्विक खनिजों का खनन होता है जिसमें एस्बेस्टाॅस, बेरिल व पेगमेटाइट मुख्य हैं।
  • अजमेर में चौहान शासक अर्णोराज द्वारा निर्मित झील आनासागर में बांडी नदी का पानी गिरता है।
  • तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) – वह युद्ध पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के मध्य लङा गया। गौरी इस युद्ध में बुरी तरह पराजित हुआ।
  • तराइन का दूसरा युद्ध (1192 ई. ) – यह युद्ध पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के मध्य लङा गया। पृथ्वीराज इस युद्ध में परास्त हुआ व उसकी एक आँख फोङ दी गई।
  • चश्मा-ए-नूर – जहाँगीर ने अजमेर में इस महल का निर्माण करवाया।
  • तीस वर्षीय युद्ध – यह युद्ध औरंगजेब और मेवाङ तथा मारवाङ की संयुक्त सेनाओं के बीच हुआ था। यह युद्ध अजीतसिंह को जोधपुर का राजा बनाने के लिए लङा गया था।
  • दौराइ का युद्ध – यह युद्ध औरंगजेब और उसके पुत्र के मध्य अजमेर में दौराइ नामक स्थान पर हुआ था। यहाँ से अकबर को राठौङ वीर दुर्गादास बचा ले गया तथा अकबर को छत्रपति शिवाजी की शरण में पहुँचा दिया।
  • राजकीय महाविद्यालय, अजमेर – राजस्थान का प्रथम महाविद्यालय।
  • दयानंद सरस्वती – इनकी मृत्यु अजमेर में हुई थी।
  • पंजाब शाह का उर्स – अढ़ाई दिन के झोपङे के पास लगने वाला यह उस पहले अढ़ाई दिन तक लगता था।
  • ख्वाजा साहब मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह – सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती (ख्वाजा साहब) का जन्म फारस (ईरान) में हुआ। चिश्ती के गुरु का नाम गौस-उल-आजम था। ख्वाजा साहब ने अपने धर्मोपदेश ब्रज भाषा में दिये न कि अरबी और फारसी में। यह दरगाह अजमेर शरीफ और गरीब नवाज के नाम से जानी जाती है।यहाँ प्रतिवर्ष रज्जब माह की 1 से 6 तारीख तक उर्स मेला लगता है।
  • सोनीजी की नसियां – इस नसियां के दो भाग हैं। इसमें से एक नसियां जी तथा दूसरा स्वर्ण नगरी कहलाता है। सोनीजी की नसियां में स्थित लाल मंदिर में 400 किलो सोने का प्रयोग हुआ है। इसका निर्माण 1864 ई. में मूलचंद नामक सेठ ने करवाया था। यह के जैन मंदिर है।
  • चश्मा – ए – नूर:  यह तारागढ़ के पश्चिम दिशा की और है ।
  • आनासागर झील – यह झील भारत के सुंदरतम स्थानों में से एक है। इस झील का निर्माण अंतिम हिन्दू नरेश पृथ्वीराज चौहान (तृतीय) के दादा अर्णोराज ने करवाया। यह बांडी नदी पर निर्मित है।
    – अर्णोराज को चौहान आनाजी के नाम से भी जाना जाता है। अर्णोराज महाराजाधिराज, परमेश्वर और परम भट्टारक महाराजाधिराज व श्रीमद् जैसी उपाधियों से सम्मानित थे।
  • फायसागर – अजमेर रेलवे स्टेशन से 7 किमी. दूर फायसागर झील का निर्माण 1891-92 ई. में करवाया गया। फाय नामक अंग्रेज का इस झील के निर्माण में अहम भूमिका होने के कारण फायसागर कहलाई।
  • मेयो काॅलेज – वायसराय गवर्नर जनरल लाॅर्ड मेयो ने इस संस्था की स्थापना 1875 ई. में की थी। यह काॅलेज राजा-महाराजाओं के पुत्रों को बदलते परिवेश के अनुसार शिक्षा-दीक्षा देने के उद्देश्य से स्थापित की गई।
  • सालार गाजी – आनासागर-पुष्कर मार्ग पर एक छोटी-सी पहाङी पर सालार गाजी का चिल्ला बना हुआ है। सालर गाजी साहू का पुत्र था। गाजी अपने जीवन में कभी भी अजमेर नहीं आया फिर भी अजमेर में यह चिल्ला बना हुआ है।
  • रूठी राणी का महल – फायसागर से दक्षिण में यह महल स्थित है। जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ जहाँगीर से रूठकर आगरा से यहाँ चली आई।
  • तीर्थराज पुष्कर – अजमेर से 13 किमी. दूर उत्तर-पश्चिम में नाग पहाङियाँ में नाग पहाङियों की तलहटी में स्थित पुष्कर हिन्दूओं का सबसे बङा तीर्थ स्थल है। यहाँ ब्रह्मा जी एकमात्र प्राचीनतम मंदिर है।
  • नौ ग्रहों का मंदिर/नवग्रह मंदिर  – किशनगढ़(अजमेर)
  • केन्द्रीय बकरी प्रजनन एवं अनुसंधान केंद्र  – रामसरा
  • राजस्थान का छोटा रामदेवरा  – खुन्डिया वास गाँव (अजमेर)
  • अकबर का किला /मैगजीन  का किला – मुगल शासक अकबर के द्वारा 1570 ई में इसका निर्माण करवाया गया।
  • रंगनाथ जी का मंदिर  –  पुष्कर(अजमेर)।
  • मीरान साहब की दरगाह  –  तारागढ़ दुर्ग(अजमेर)
  • बारहदरी – शाहजहाँ द्वारा आनासागर झील के पास निर्माण करवाया गया।
  • कल्पवृक्ष का मेला – यह मेला हरियाली अमावस्या को मांगलियावास (अजमेर) में लगता है।

FAQ – अजमेर जिला

1.  अजमेर जिले को मान्यता कब मिली?

उत्तर  –  1956 में


2. अजमेर जिले में कितनी तहसील है?

उत्तर – सात (07 ),  अजमेर जिले में 07 तहसील व 11 उपखंड है।

  • अजमेर
  • नसीराबाद
  • पुष्कर
  • पीसांगन
  • अराई
  • किशनगढ़
  • रूपनगढ़

3. अजमेर जिले के जिला कलेक्टर कौन है?

उत्तर – अजमेर जिला के प्रथम जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित है।


4. अजमेर जिले के पिनकोड क्या है?

उत्तर – अजमेर पिन कोड 305001 है ।


5. अजमेर की जनसंख्या कितनी है?

उत्तर –  ज्ञात नहीं


6. अजमेर जिले की सीमा कितनी है?

उत्तर  – ज्ञात नहीं


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