श्री हनुमान चालीसा – Hanuman Chalisa PDF Hindi || Lyrics

Hanuman Chalisa PDF: हनुमान की पूजा-अराधना के लिए मंगलवार का दिन खास माना जाता है। इस दिन हनुमान जी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइन लग जाती हैं। इस दिन लोग मंदिरों में प्रसाद चढ़ाते हैं और भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार के दिन जो भक्त सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे अच्छे फल की प्राप्ति होती है और उसके उलझे हुए काम सही हो जाते है।

श्री हनुमान चालीसा। Hanuman Chalisa PDF Lyrics in Hindi

Hanuman Chalisa PDF

श्री राम जी ने हनुमान जी को कलयुग तक धरती पर ही रहने का आदेश दिया है। हनुमान जी अमर है और धरती पर ही है। वो अपने भक्तों और अराधकों पर सदैव कृपालू रहते है। उनकी हर इच्छा पूरी करते है। हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी को श्री राम के दर्शन हुए थे। हनुमान जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि जहां कहीं भी राम कथा होती है, हनुमान जी वहां किसी न किसी रूप में जरूर मौजूद होते है। हनुमान जी की महिमा और भक्त हितकारी स्वभाव को देखते हुए तुलसीदास जी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा लिखी है। इस चालीसा का नियमित पाठ बहुत फायदेमंद होता है।

॥ दोहा ॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा हिंदी में  – Hanuman Chalisa Lyrics

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै॥

संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै॥

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा॥

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप॥

hanuman chalisa lyrics in hindi

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे

  • बुरी आत्माओं भूत प्रेत को भगाए- हनुमान जी महावीर है, अति बलशाली है, और बुरी आत्माओं, भूत प्रेत आदि सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर उसे भी मुक्ति प्रदान करने वाले है। अगर किसी डरावनी जगह फंस जाएँ और किसी बुरी आत्मा की अनुभूति हो तो हनुमान चालीसा पढ़ने मात्र से आस पास के भूत प्रेत दूर भाग जाते है। वे हर बुरी आत्माओं का नाश कर के लोगों को उससे मुक्ति दिलाते है। जिन लोगों को रात में डर लगता है या फिर डरावने ख्याल मन पर छाये रहते है, उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ हर रोज करना चाहिए। इससे उन्हें इन बुरे ख्यालों से राहत मिलेगी।
  • शनि देव की ढैय्या और साढ़े साती का प्रभाव कम करे- हनुमान चालीसा पढ़ कर आप शनि देव को खुश कर सकते है और साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम कर सकते है। असल में एक बार हनुमान जी ने शनि देव की रक्षा की थी। तब शनि देव ने खुश होकर यह बोला था कि वो किसी भी हनुमान भक्त का कोई नुकसान नहीं करेंगे और जो भी हनुमान जी की भक्ति करेगा उसकी शनि की वक्र दृष्टि में भी ज्यादा हानि नहीं होगी।
  • राहु के दुष्प्रभाव से मिलेगी मुक्ति- बहुत से लोगों की कुंडली में राहु गृह कुछ बुरे दुष्प्रभाव डालता है और मनुष्य के जीवन को कठिनाइयों और उतार चढ़ाव से भर देता है ऐसे में नित्य अपनी श्रद्धा अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी की भक्ति करने से राहु के दुष्पप्रभाव से मुक्ति मिलती है।
  • रोग और दुखों से छुटकारा- ’’नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।’’ हनुमान चालीसा के इस दोहे में ये बताया गया है कि जो भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है वो सभी प्रकार के रोग और दुखों से छुटकारा पाता है, लेकिन इसके लिए भक्ति भी सच्चे मन से की जानी चाहिए।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है- हनुमान चालीसा पढ़ने से काॅन्फिडेंस यानी आत्मविश्वास बढ़ता है, बहुत से हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले लोगों ने इस बात की पुष्टि की है और हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद शरीर में एक विशेष प्रकार की एनर्जी का संचार होता है। यह एनर्जी हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाती है।
  • बल और बुद्धि जागृत होती है- हनुमान चालीसा एक ऐसी कृति है, जो हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है। इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है। हनुमान-चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति खुद अपनी शक्ति, भक्ति और कर्तव्यों का आकलन कर सकता है।
  • दिमाग तेज होता है- हनुमान चालीसा पढ़ने से दिमाग तेज होता है, यादाश्त मजबूत होती है और काॅन्सट्रेशन पाॅवर भी बढ़ता है। इस कारण बच्चों को और विद्यार्थियों को इसका पाठ करके इसके लाभ से अपनी बुद्धि का विकास कर सकते है। जिसका असर बच्चों में अवश्य देखने को मिलेगा।
  • सभी प्रकार के कामों में सफलता- कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे बहुत प्रयास करने के बावजूद की हमारे बहुत से काम अटक जाते है और हम हमेशा अपनी किस्मत को कोसते है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के सभी प्रकार के कामों में सफलता मिलने लगती है, क्योंकि हनुमान चालीसा के पाठ से तन और मन में पाॅजिटिव एनर्जी आ जाती है।
  • स्ट्रेस को कम करे- आजकल लोगों में स्ट्रेस की परेशानी रहने लगी। इसका मुख्य कारण टेंशन है। ज्यादा टेंशन लेने से लोगों को रात को नींद नहीं आती है और आगे वाला पूरा दिन खराब जाता है। ऐसी परेशानी में हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक रूप से शांति मिलती है और स्ट्रेस कम होता है।
  • आर्थिक परेशान में सहायता- हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमान जी नवनिधि के दाता है। जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करता है उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है। धन में लाभ होता है। हनुमान जी का ध्यान करने से आर्थिक संकट दूर होता है।
  • शारीरिक बल और क्षमता को बढ़ाता है- हनुमान जी अत्यंत बलशाली है और हनुमान चालीसा का पाठ करने से शरीर में शक्ति का संचार होता है जिससे व्यक्ति के बल में वृद्धि होती है। पहलवान लोग या बाॅडी बिल्डिंग हनुमान जी को अपना ईष्ट मानते है। इनका मानना है कि हनुमान जी से उन्हें शक्ति प्राप्त होती है।
  • मोक्ष प्राप्ति- हनुमान चालीसा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि व्यक्ति के बाद उसे परमधाम की प्राप्ति होती है। हनुमान चालीसा में एक श्लोक भी है-
    ’’ अन्त काल रघुबर पुर जाई।
    जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
    और देवता चित्त न धरई।
    हनुमत् सेई सर्व सुख करई।।’’
  • इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है तथा उनकी पूजा करता है उनका परमधाम जाने का मार्ग आसान हो जाता है। अगर आप भी परमधाम की प्राप्ति चाहते हो तो आप भी हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करें।

hanuman chalisa ka paath

हनुमान चालीसा कितनी बार पढ़नी चाहिए?

वैसे तो हनुमान चालीसा में लिखा हुआ है कि ’जो करे सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई।’ इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है। लेकिन अगर आप हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ नहीं कर सकते, वो 11 बार इसका पाठ जरूर करें। अगर 11 बार भी नहीं कर सकते तो 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करो।

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें

कुछ लोगों को हनुमान चालीसा का पाठ करने का पता नहीं होता कि ये कैसे किया जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आप हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को सामने रखें। मूर्ति के आगे गाय के घी का दीया जलाएं। अगर आपको ज्यादा परेशानी या मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है तो आप तिल के तेल का दीया जलाएं। हनुमान जी के सामने आसन्न बिछा कर चालीसा का पाठ करें। हनुुमान चालीसा का पाठ करने के लिए एक समय निर्धारित कर लें, उसी समय रोज पूजा करें।

अगर आप हनुमान जी की पूजा किसी लक्ष्य से या मनोकामना की पूर्ति के लिए कर रहें है तो आप हनुमान चालीसा का 11 दिन पाठ करें। पूजा के पहले दिन दीये के पास एक कलश कर लें और उसके अंदर एक सिक्का और एक लोंग डाल दें। 11 दिन की पूजा के बाद उस कलश में से सिक्का और लौंग निकाल लें और पानी का सेवन कर लें। उस सिक्के और लौंग का उपयोग आप अपने उस कार्य के लिए कर लें जिसके लिए आपने यह पाठ रखा था। आपकी समस्त मनोकामना पूरी होगी।

हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय

बहुत से लोग हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही समय नहीं जानते है। शास्त्रों के अनुसार रात को हनुमान चालीसा का पाठ करने से कई दोष दूर होते है। इससे शनि की साढ़े साती के प्रभाव से छुटकारा मिलता है। हनुमान चालीसा का पाठ सूर्योस्त होने के बाद नहा धोकर करना चाहिए। इससे आपकी हर समस्या हल हो जाएगी।

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय रहें सावधान

  • हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आप अपने मुंह में कोई भी नशीली चीज या अन्न न रखें। ऐसा करने पर आपको हनुमान चालीसा का लाभ प्राप्त नहीं होता है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करते समय काले वस्त्र धारण न करें क्योंकि काले वस्त्र नकारात्मकता का प्रतीक होते है।
  • हनुमान चालीसा पठने वाले व्यक्ति कभी भी मांस का प्रयोग न करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आपको बीच में नहीं उठना चाहिए।

क्या स्त्रियाँ हनुमान चालीसा पढ़ सकती है ?

कुछ लोग कहते है कि स्त्रियों को हनुमान चालीसा नहीं पढ़नी चाहिए। लेकिन हनुमान चालीसा में लिखा गया है कि ’’जो यह पढ़े हनुमान चालीसा । होय सिद्धि’’ इसका अर्थ है कि हनुमान चालीसा को कोई भी पढ़ सकता है चाहे वह पुरुष है चाहे स्त्री। जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करेगा, हनुमान जी उन पर कृपा बरसाएंगे।

हनुमान जी के सिद्ध मंत्र

कर्ज मुक्ति के मंत्र

अगर आप कर्जे में दबे हुए हो और कर्ज से मुक्ति चाहते हो तो इस मन्त्र का जाप हर मंगलवार को 108 बार करना चाहिए। ऐसा मानना है कि ऐसा करने से मनुष्य को कर्ज से मुक्ति मिलती है।

  • ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

“मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद।

स्थिरासनो महाकाय: सर्वकामविरोधक: ।।”


Shri Hanuman Chalisa Lyrics in English

॥ Doha ॥

Shri Guru Charan Saroj raj
Nija manu Mukura sudhari।

Baranau Raghuvar Bimal Jasu
Jo Dayaku Phala Chari॥

Budheeheen Tanu Jannike
Sumiro Pavan Kumara।

Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee
Harahu Kalesh Vikaar॥

॥ Chaupai ॥

Jai Hanuman gyan gun sagar ।
Jai Kapis tihun lok ujagar ॥

Ram doot atulit bal dhama ।
Anjani putra Pavan sut nama ॥

Mahabir vikram Bajrangi ।
Kumati nivar sumati Ke sangi ॥

Kanchan varan viraj subesa ।
Kanan Kundal Kunchit Kesha ॥

Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje ।
Kaandhe moonj janeu saaje ॥

Sankar suvan kesri Nandan ।
Tej prataap maha jag vandan ॥

Vidyavaan guni ati chatur ।
Ram kaj karibe ko aatur ॥

Prabhu charitra sunibe ko rasiya ।
Ram Lakhan Sita man Basiya ॥

Sukshma roop dhari Siyahi dikhava ।
Vikat roop dhari lank jalava ॥

Bhim roop dhari asur sanhare ।
Ramachandra ke kaj sanvare ॥

Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye ।
Shri Raghuvir Harashi ur laye ॥

Raghupati Kinhi bahut badai ।
Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai ॥

Sahas badan tumharo yash gaave ।
As kahi Shripati kanth lagaave ॥

Sankadhik Brahmaadi Muneesa ।
Narad Sarad sahit Aheesa ॥

Yam Kuber Dikpaal Jahan te ।
Kavi kovid kahi sake kahan te ॥

Tum upkar Sugreevahin keenha ।
Ram milaye rajpad deenha ॥

Tumhro mantra Vibheeshan maana ।
Lankeshwar Bhaye Sab jag jana ॥

Yug sahasra yojan par Bhanu ।
Leelyo tahi madhur phal janu ॥

Prabhu mudrika meli mukh mahee ।
Jaladhi langhi gaye achraj nahee ॥

Durgam kaj jagat ke jete ।
Sugam anugraha tumhre tete ॥

Ram duwaare tum rakhvare ।
Hot na agya binu paisare ॥

Sab sukh lahai tumhari sarna ।
Tum rakshak kahu ko darna ॥

Aapan tej samharo aapai ।
Teenon lok hank te kanpai ॥

Bhoot pisaach Nikat nahin aavai ।
Mahavir jab naam sunavai ॥

Nase rog harae sab peera ।
Japat nirantar Hanumat beera ॥

Sankat se Hanuman chhudavai ।
Man Kram Vachan dhyan jo lavai ॥

Sab par Ram tapasvee raja ।
Tin ke kaj sakal Tum saja ॥

Aur manorath jo koi lavai ।
Soi amit jeevan phal pavai ॥

Charon jug partap tumhara ।
Hai parsiddh jagat ujiyara ॥

Sadhu Sant ke tum Rakhware ।
Asur nikandan Ram dulare ॥

Ashta siddhi nav nidhi ke data ।
As var deen Janki mata ॥

Ram rasayan tumhare pasa ।
Sada raho Raghupati ke dasa ॥

Tumhare bhajan Ram ko pavai ।
Janam janam ke dukh bisraavai ॥

Antkaal Raghuvar pur jayee ।
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee ॥

Aur Devta Chitt na dharahin ।
Hanumat sei sarv sukh karahin ॥

Sankat kate mite sab peera ।
Jo sumirai Hanumat Balbeera ॥

Jai Jai Jai Hanuman Gosain ।
Kripa Karahun Gurudev ki nayin ॥

Jo shat bar path kare koi ।
Chhutahin bandi maha sukh hoi ॥

Jo yeh padhe Hanuman Chalisa ।
Hoye siddhi saakhi Gaureesa ॥

Tulsidas sada hari chera ।
Keejai Nath Hriday mahn dera ॥

॥ Doha ॥
Pavan Tanay Sankat Harana
Mangala Murati Roop ।

Ram Lakhan Sita Sahita
Hriday Basahu Soor Bhoop ॥

Hanuman Chalisa Pdf –

Hanuman Chalisa in Kannada pdf

ಹನುಮಂತ ದೇವರಿಗೆ ನಮಸ್ಕಾರ.
ಜೈ ಕಪಿಗಳು, ಮೂರು ಜನರು ಬಹಿರಂಗಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆ.

ರಾಮದೂತ್ ಅಪ್ರತಿಮ ಶಕ್ತಿ.
ಅಂಜನಿ-ಪವನಸುತ್ ನಾಮ.

ಮಹಾಬೀರ್ ಬಿಕ್ರಮ್ ಬಜರಂಗಿ.
ದುಷ್ಟ ಚಿಂತನೆಯನ್ನು ಹೋಗಲಾಡಿಸಿ ಸಜ್ಜನರ ಸಾಂಗತ್ಯವನ್ನು ನೀಡುವವನು.

ಕಾಂಚನ ಬರನ್ ಬಿರಾಜ ಸುಬೇಸಾ।
ಕಾನನ್ ಕುಂಡಲ್ ಕುಂಚಿತ್ ಕೇಸ ಹೇಗಿದೆ?

ಹತ್ ಬಜ್ರಾ ಮತ್ತು ಧ್ವಜ ಬಿರಾಜೈ.
ಪವಿತ್ರ ದಾರವು ಭುಜಗಳನ್ನು ಅಲಂಕರಿಸುತ್ತದೆ.

ಶಂಕರ ಸುವನ್ ಕೇಸರಿನಂದನ್.
ತೇಜ್ ಪ್ರತಾಪ್ ಮಹಾ ಜಗ್ ಬಂಧನ್॥

ವಿದ್ವಾಂಸ, ಬಹಳ ಬುದ್ಧಿವಂತ.
ರಾಮ್ ತನ್ನ ಕೆಲಸವನ್ನು ಮಾಡಲು ಉತ್ಸುಕನಾಗಿದ್ದಾನೆ.

ದೇವರ ಮಹಿಮೆಗಳನ್ನು ಕೇಳುವುದರಲ್ಲಿ ನೀವು ಸಂತೋಷಪಡುತ್ತೀರಿ
ರಾಮ ಲಖನ್ ಸೀತೆ ಅವನ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ನೆಲೆಸಿದ್ದಾಳೆ.

ಸೂಕ್ಷ್ಮ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಪ್ರದರ್ಶಿಸಿ.
ಲಂಕ್ ಜರಾವಾ ಭಯಾನಕ ರೂಪ.

ಭೀಮನ ರೂಪದಲ್ಲಿ ರಾಕ್ಷಸರನ್ನು ಸಂಹರಿಸಿದ.
ರಾಮಚಂದ್ರ ಅವರಿಂದ ಕೆಲಸ ಮಾಡಿಸಿ.

ಲಖನ್ ಅವರಿಗೆ ಜಯವಾಗಲಿ.
ಶ್ರೀ ರಘುಬೀರ್ ಹರ್ಷಿ ಉರ್ ತಂದರು.

ರಘುಪತಿ ಅವರನ್ನು ಬಹುವಾಗಿ ಹೊಗಳಿದರು.
ನೀನು ನನ್ನ ಪ್ರೀತಿಯ ಭಾರತಿ ಸಾಮ್ ಭಾಯಿ.

ನಾನು ನಿಮ್ಮ ದೇಹವನ್ನು ಹಾಗೆಯೇ ಪ್ರೀತಿಸುತ್ತೇನೆ.
ಇದನ್ನು ಶ್ರೀಪತಿಗೆ ಹೇಳುತ್ತೇನೆ.

ಸನಕದಿಕ್ ಬ್ರಹ್ಮಾದಿ ಮುನೀಸ।
ನಾರದ ಮತ್ತು ಸರದ್ ಜೊತೆಗೆ ಅಹಿಸಾ.

ಕುಬೇರ್ ದಿಗ್ಪಾಲ್ ಎಲ್ಲಿದ್ದಾರೆ?
ಕೋವಿಡ್ ಎಲ್ಲಿ ಹೇಳಬಹುದು?

ಕಿನ್ಹ ಸುಗ್ರೀವಿನ್ ನಿನ್ನ ಒಲವು.
ರಾಮನಿಗೆ ರಾಜಸ್ಥಾನ ಸಿಕ್ಕಿತು ಮತ್ತು ಕೊಟ್ಟನು.

ನಾನು ನಿನ್ನ ಮಂತ್ರವನ್ನು ಬಿಭೀಷಣ ಎಂದು ಪರಿಗಣಿಸಿದೆ.
ಲಂಕೇಶ್ವರನಿದ್ದರೆ ಜಗತ್ತೆಲ್ಲ ಜಾಗೃತವಾಗುತ್ತದೆ.

ಜಗ್ ಸಹಸ್ರ ಜೋಜನ್ ಪರ ಭಾನೂ।
ಲಿಲ್ಲಿಗಳ ಸಿಹಿ ಹಣ್ಣು ನನಗೆ ತಿಳಿದಿದೆ.

ಪ್ರಭು ಮುದ್ರಿಕಾ ಮೇಲಿ ಮುಖ ಮಾಹೀ।
ಅವರು ನೀರನ್ನು ದಾಟಿದರೂ ಆಶ್ಚರ್ಯವಿಲ್ಲ.

ದುಸ್ತರ ದುಡಿಮೆಯ ಲೋಕದ ಪುತ್ರರು.
ನಿಮ್ಮ ಸುಲಭ ಕೃಪೆ.

ಶ್ರೀರಾಮನು ನಮ್ಮನ್ನು ಕಾಪಾಡುತ್ತಾನೆ
ಅನುಮತಿಯಿಲ್ಲದೆ ಹಣವಿಲ್ಲ.

ಎಲ್ಲಾ ಸಂತೋಷ ನಿಮ್ಮದೇ ಸರ್.
ರಕ್ಷಕನಿಗೆ ಏಕೆ ಭಯಪಡಬೇಕು?

ನಿಮ್ಮ ತೀವ್ರತೆಯನ್ನು ನೀವೇ ನಿಯಂತ್ರಿಸಿ.
ಮೂವರೂ ನಕ್ಕು ನಡುಗಿದರು.

ದೆವ್ವ ಮತ್ತು ದೆವ್ವಗಳು ಹತ್ತಿರ ಬರುವುದಿಲ್ಲ.
ಮಹಾಬೀರನ ಹೆಸರು ಕೇಳಿದರೆ.

ಮೂಗಿನ ರೋಗವು ಹಸಿರು ಮತ್ತು ಎಲ್ಲವೂ ನೋವಿನಿಂದ ಕೂಡಿದೆ.
ನಿರಂತರವಾಗಿ ಹನುಮತ್ ಬಿರಾ ಜಪಿಸು.

ಹನುಮಂತನು ನಿಮ್ಮನ್ನು ತೊಂದರೆಯಿಂದ ಪಾರು ಮಾಡುತ್ತಾನೆ.
ಮನಸ್ಸು ಮತ್ತು ಮಾತುಗಳಿಗೆ ಗಮನವನ್ನು ತರುವವನು.

ರಾಮನು ಎಲ್ಲಕ್ಕಿಂತ ತಪಸ್ವಿ ರಾಜ.
ಮೂರು ಜನರ ಕೆಲಸವು ಸ್ಥೂಲವಾಗಿದೆ, ನೀವು ಗುಲಾಮರು.

ಮತ್ತು ಯಾರು ಯಾವಾಗಲೂ ಆಸೆಯನ್ನು ತರುತ್ತಾರೆ.
ಆದ್ದರಿಂದ ಅಮಿತ್ ಜೀವನ್, ನಿಮ್ಮ ಜೀವನದ ಫಲವನ್ನು ನೀವು ಪಡೆಯುತ್ತೀರಿ.

ನಿಮ್ಮ ವೈಭವವು ಎಲ್ಲಾ ನಾಲ್ಕು ವಯಸ್ಸಿನಲ್ಲೂ ಇದೆ.
ಇದು ಪ್ರಪಂಚದ ಪ್ರಸಿದ್ಧ ಬೆಳಕು.

ನೀವು ಸಂತರು ಮತ್ತು ಸ್ಟೊಯಿಕ್ ಪಾಲಕರು.
ಅಸುರ್ ನಿಕಂದನ ರಾಮ್ ದುಲಾರೇ.

ಎಂಟು ಸಾಧನೆಗಳು ಮತ್ತು ಒಂಬತ್ತು ಸಂಪತ್ತುಗಳನ್ನು ನೀಡುವವರು.
ಬರ್ ದೀನ್ ಜಾನಕಿ ಮಾತಾ.

ರಾಮ ರಸಾಯನ ನಿಮ್ಮ ದಾಳ.
ಯಾವಾಗಲೂ ರಘುಪತಿಯ ಸೇವಕನಾಗಿಯೇ ಇರು.

ನಿನ್ನ ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಶ್ರೀರಾಮನನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಾನೆ
ಅನೇಕ ಜನ್ಮಗಳ ದುಃಖವನ್ನು ಮರೆತುಬಿಡಿ.

ಕೊನೆಯ ಬಾರಿಗೆ ರಘುಬರಪುರಕ್ಕೆ ಹೋದೆ.
ಹರಿಯ ಭಕ್ತ ಹುಟ್ಟಿದ್ದು ಅಲ್ಲಿ.

ಮತ್ತು ದೇವತೆಗಳು ತಲೆಕೆಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಲಿಲ್ಲ.
ಹನುಮತ್ ಎಲ್ಲರನ್ನೂ ಸಂತೋಷಪಡಿಸುತ್ತಾನೆ.

ಎಲ್ಲಾ ಅಪಾಯಗಳು ದೂರವಾಗುತ್ತವೆ ಮತ್ತು ಎಲ್ಲಾ ನೋವುಗಳು ಮಾಯವಾಗುತ್ತವೆ
ಯಾವ ಸುಮಿರೈ ಹನುಮತ್ ಬಲ್ಬಿರಾ॥

ಆಲಿಕಲ್ಲು, ಆಲಿಕಲ್ಲು, ಆಲಿಕಲ್ಲು, ಶ್ರೀ ಹನುಮಾನ್, ಇಂದ್ರಿಯಗಳ ಅಧಿಪತಿ.
ದಯವಿಟ್ಟು ಗುರುದೇವನಂತೆ ನನ್ನನ್ನು ಆಶೀರ್ವದಿಸಿ.

ಯಾರು ಅದನ್ನು 100 ಬಾರಿ ಪಠಿಸುತ್ತಾರೆ!
ಕೈದಿ ಬಿಡುಗಡೆಯಾದಾಗ ಬಹಳ ಸಂತೋಷವಾಗುತ್ತದೆ.

ಈ ಹನುಮಾನ್ ಚಾಲೀಸವನ್ನು ಯಾರು ಓದುತ್ತಾರೆ.
ಹೌದು ಸಿದ್ಧಿ ಸಖಿ ಗೌರೀಸಾ॥

ತುಳಸೀದಾಸ ಸದಾ ಹರಿ ಚೇರ.
ಕಿಜೈ ನಾಥ್ ನನ್ನ ಹೃದಯದಲ್ಲಿ ನೆಲೆಸಿದ್ದಾರೆ.

Download Hanuman Chalisa Hindi PDF

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll to Top