राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजनाएँ – Flagship Schemes Rajasthan Government

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजनाएँ (Flagship Schemes Rajasthan Government In Hindi) पढेंगे और इससे जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियां साँझा करेंगे।

राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजनाएँ

राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजनाएँ

फ्लैगशिप क्या होती है ?

  • फ्लैगशिप योजना वह योजना है जो शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पर्यावरण, रोजगार, शहरी और ग्रामीण विकास और अन्य क्षेत्रों में या फिर सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के मुद्दों को सम्बोधित करती है।
  • फ्लैगशिप योजनाओं से आशय है ’’सरकार की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं से है, जो लोगों के जीवन स्तर में सुधार का प्रमुख साधन है।

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राजस्थान सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं – Flagship Schemes Rajasthan Government In Hindi

1. पालनहार योजना –

  • शुरूआत – 8 फरवरी 2005
  • उद्देश्य – अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत ना करके उनके निकटतम परिजनों या परिपितों में से किसी व्यक्ति द्वारा स्वेच्छा से पालनहार बनाकर राज्य की तरफ से बालक को पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र आदि आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाना।
  • यह योजना अनाथ बच्चों, माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई हो तथा एक आजीवन कारावास की सजा काट रहा हो, कुष्ठ रोग/एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चों, परित्यक्तालाकशुदा महिला के बच्चों के लिए शुरू की गई है।
  • 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए।
  • अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति को पालनहार कहा गया है तथा उसे सहायता दी जाती है।
  • 0-6 वर्ष के आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के लिए ₹500 प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष के विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए ₹1000 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
  • बज़ट 2022-23 में यह राशि 0-6 वर्ष के आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के लिए ₹1000 प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष के विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए ₹2500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
  • प्रत्येक बच्चे के वस्त्र, जुते व स्वेटर के लिए 2000 रु. प्रति वर्ष अतिक्ति देय है।

2. शुद्ध के लिए युद्ध अभियान –

  • शुरूआत – 26 अक्टूबर 2020
  • यह अभियान 26 अक्टूबर से 14 नवम्बर 2020 तक चलाया गया।
  • इसके बाद 1 जनवरी 2022  से 31 मार्च 2022  तक चलाया गया।
  • चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग द्वारा।
  • राज्य एवं जिला स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण समिति का गठन किया गया है।
  • इस अभियान के दौरान दूध, मावा, पनीर, मिठाइयों, दूध से बने अन्य उत्पादों, आटा, बेसन, तेल एवं घी, सूखे मेवे, मसालों, अन्य खाद्य पदार्थों तथा बाट एवं माप की जांच को प्राथमिकता दी जायेगी।
  • संचालन, प्रबन्धन एवं प्रबोधन हेतु वरिष्ठ अधिकारियों का कोर ग्रुप होगा।
  • कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रबंधन समिति गठित की गई।
  • उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी अथवा तहसीलदार जांच दल का नेतृत्व करेंगे।
  • सूचना देने वालों को 51,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

3. मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना –

  • 2 अक्टूबर 2011 को शुरूआत।
  • उद्देश्य – सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले रोगियों को सामान्य तौर पर उपयोग की जाने वाली आवश्यक दवाओं को निःशुल्क उपलब्ध कराना।
  • क्रियान्वयन – राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन द्वारा।
  • लाभार्थी – राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले सभी अंतरंग एवं बहिरंग रोगी।
  • शामिल दवा – 1594 प्रकार की दवा +, 927 सर्जिकल +, 185 सूचर्स।
  • कुल 2706 औषधियाँ निःशुल्क।
  • प्रत्येक जिले में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ’जिला ड्रग वेयर हाउस’ बनाए गए हैं।
  • वर्तमान में 711 दवाईयां, 181 सर्जिकल आइटम और 77 टाके इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।

नोट : केंद्र सरकार ने इस योजना NHM को शामिल किया।

4. मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना –

  •  योजना तीन चरणों में शुरू हुई – 7 अप्रैल 2013, 1 जुलाई  2013, 15 अगस्त 2013 को शुरूआत।
  • उद्देश्य – राजस्थान के सभी नागरिकों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए।
  • यह योजना राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों यथा मेडिकल काॅलेज से संबंध चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जाँच की व्यवस्था करती है।

5. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना योजना –

  • शुरूआत – 1 मई 2021
  • यह ’यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ योजना है।
  • राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा 2021-22 में ’यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज’ को प्रदेश में लागू करने की घोषणा की है जिसकी अनुपालना में दिनांक 1 मई 2021 से प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत को लागू किया जा चुका है।
  • विभाग – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण
  • नोडल एजेंसी – राजस्थान स्टेट हैल्थ इंश्योरंस एजेंसी
  • राज्य में दिनांक 30 जनवरी 2021 से लागू आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ा कर पूरे प्रदेश को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए दिनांक 1 मई 2021 से प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत गयी।

उद्देश्य –

  • राज्य के प्रत्येक परिवार को चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध करवाना।
  • राज्य के पात्र परिवारों को योजना में वर्णित पैकेज से संबंधित बीमारियों का निःशुल्क ईलाज उपलब्ध करवाना।
  • पात्र परिवारों का राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ योजना में सम्बद्ध निजी चिकित्सालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण एवं विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवाना।
  • पात्र परिवारों का स्वास्थ्य पर होने वाला व्यय कम करना।

विशेष : शुरुआत में इस योजना से जुड़े लोगो को 5 लाख तक के ईलाज के लिए सुविधा दी गयी ,अब वर्तमान में 10 लाख तक बीमारी के ईलाज व 5 लाख तक का दुर्घटना बीमा कवर की सुविधा सरकार द्वारा देय है।

पात्रता – दो श्रेणियाँ –

1. निःशुल्क श्रेणी – ऐसी श्रेणी जिसमें पात्र परिवारों की प्रीमियम राशि का सम्पूर्ण भुगतान राज्य सरकार करेगी।

  • NFSA पात्र परिवार।
  • कृषक (लघु सीमांत)
  • SECC-2011 के पात्र परिवार।
  • संविदा कर्मी राज्य में
  • लघु सीमांत किसान
  • कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त परिवार

2. शुल्क श्रेणी –

  • निःशुल्क श्रेणी के अलावा सभी परिवार रू 850/- प्रति परिवार प्रति वर्ष।

प्रीमियम पर –

  • शेष सभी 850 रु. प्रतिवर्ष के प्रीमियम की राशि पर।
  • बीमा कवर – 10 रु. लाख
    जनआधार कार्ड – पंजीकरण के लिए जरूरी।
  • सामान्य बीमारी के लिए 50 हजार रुपए एवं गंभीर बीमारी के लिए 4.5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर सरकार द्वारा लाभार्थियों को दिया जाएगा। (निजी एवं सरकारी अस्पतालों में)।

नोट – बजट 2022-23 में कुल 10 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा कवर की घोषणा की गई है।

  • अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पूर्व एवं 15 दिवस पश्चात का खर्च शामिल है।
  • योजना के अंतर्गत 1597 रोग पैकेज शामिल हैं।

लाभार्थी –

1. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल परिवार
2. समस्त संविदा कर्मी एवं सीमांत किसान
3. अन्य परिवारों को 50% बीमा प्रीमियम पर लाभ मिलेगा (₹850 प्रतिवर्ष का प्रीमियम)

आवश्यक दस्तावेज –

  • आधार कार्ड
  • जन आधार कार्ड या जन आधार संख्या या जन आधार रजिस्ट्रेशन रसीद।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है।

6. मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना –

  • शुरूआत – 1 मई, 2022
  • उद्देश्य – राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले राजस्थान के निवासियों को 100 प्रतिशत दवाईयाँ एवं जाँच निःशुल्क
  • इस योजना में 2706 दवाईयों को आवश्यक दवा सूची में शामिल किया जा चुका है।
  • जनआधार कार्ड अनिवार्य।

7. एक रुपये किलो गेहूं –

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य सरकार।
  • अन्त्योदय, बी.पी. एल कार्ड धारकों को 1 रु./किलोग्राम गेहूँ उपलब्ध करायी जायेगी।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत AAY परिवारों के राशन कार्ड धारकों को प्रति राशन कार्ड पर 35 किग्रा. गेहूं तथा BPL और State BPL को प्रति इकाई प्रतिमाह 5 किग्रा. गेहूं ₹1 प्रति किलोग्राम से प्रदान किया जा रहा है।

8. निरोगी राजस्थान अभियान –

  • यह योजना 18 दिसंबर 2019 को जयपुर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गई।
  • 17 दिसंबर को ‘राजस्थान निरोगी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
  • उद्देश्य – आम जनता में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना, हेल्पलाइन नम्बर और वेबसाइट द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना।
  • हेल्पलाइन नंबर – 104/108
  • 100 करोड रुपए का निरोगी राजस्थान प्रबंधन कोष बनाया गया है।
  • स्वास्थ्य मित्र 40 वर्ष से अधिक उम्र के होंगे।
  • इस कोष में से प्रत्येक जिले को 1 करोड रुपए दिये जायेंगे।
  • प्रत्येक गांव व शहरी वार्ड में ’स्वास्थ्य मित्र’ का चयन किया जाएगा। (महिला/पुरूष कोई भी)
  • संपूर्ण राजस्थान के नागरिकों का डिजिटल हेल्थ सर्वेश् किया जाएगा। (निरोगी राजस्थान ऐप द्वारा)
  • निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के निदान व बचाव संबंधी कार्य किए जाएंगे –
    जनसंख्या नियंत्रण, महिला स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, खाद्य मिलावट, टीकाकरण एवं वयस्क, प्रदूषण, ड्रग की लत और बीमारी, वृद्धावस्था की समस्याएं, मौसमी संचारी रोग, असंचारी रोग।

9. मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना –

  • प्रारम्भ – 6 जून 2021
  • प्रतिभावान पात्र विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ लागू की गई है।
  • इस योजना को 3 विभागों – जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा चलाई जा रही है।
  • लाभार्थी – SC, ST, MBC, अल्पसंख्यक वर्ग BPL व दिव्यांग (Exam Pass होने पर)
  • शर्त – परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रु. प्रतिवर्ष से कम।
  • उद्देश्य – प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करना
  • इस योजना के द्वारा पहले 10,000 लोगों को लाभ मिलता था अब 15,000 लोगों को लाभ दिया जायेगा।
  • 10 वीं एवं 12 वीं के अंकों के आधार पर इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।
  1. UPSC,  RPSC, SI, RSSMB, REET
  2. 2400 ग्रेड पे या इससे ऊपर की सभी परीक्षा
  3.  इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं क्लेट परीक्षा।
  • इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख प्रतिवर्ष से कम है।
  • परीक्षार्थियों की मेरिट का निर्धारण 12वीं अथवा 10वीं के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा।
  • संचालन-ST वर्ग के लिए योजना का संचालन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं SC, OBC, MBC और EWS वर्ग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा किया जाएगा।
  • अपना आवास छोड़कर अन्य शहर के प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भोजन एवं आवास के लिए ₹40,000 प्रतिवर्ष अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
  • योजना के संचालन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नोडल विभाग होगा।
  • किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का लाभ केवल 1 वर्ष की अवधि के लिए देय होगा।
  • योजना में प्रयास होगा कि 50% लाभ छात्राओं को दिया जा सके।
  • पूर्व में चल रही है अनुप्रति योजना को इसी योजना में विलय कर लिया जाएगा।

10. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना –

  • इस योजना को कन्या विवाह पर सहयोग और उपहार योजना के स्थान पर शुरू किया गया।

लाभार्थी –

  • SC/ST व अल्पसंख्यकों के BPL श्रेणी की कन्या/BPL/अन्त्योदय/आस्था धारी कन्या
  • विशेष योग्यजन कन्या/राज्य स्तर की खिलाङी कन्या
  • कन्या की शादी (18़) पर – ₹31000
  • कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त – ₹10000
  • कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त – ₹20000
  • कन्या की शादी (18) पर – ₹21000
  • कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त – ₹10000
  •  कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त – ₹20000

11. मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना –

  • राज्य सरकार द्वारा(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा) लागू।

पात्रता –

  • 18 वर्ष से अधिक की विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला।
  • राजस्थान की मूल निवासी।
  • नियमित आय ना हो अथवा कुल वार्षिक आय 48000 से कम हो।
  •  बी.पी.एल/अन्त्योदय/आस्था काईधारी/सहरिया/कथौङी/खैरवा जाति/HIV संक्रमित को आय संबंधी शर्त पेंशन दर।

लाभ –

  • 18-55 आयु = ₹500 प्रतिमाह
  • 55-60 आयु = ₹750 प्रतिमाह
  • 60-75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह
  • 75़ आयु = ₹1500 प्रतिमाह

12. मुख्यमंत्री वृद्धजन समान पेंशन योजना – 2013

  • राज्य सरकार द्वारा(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा) लागू।

लाभार्थी एवं लाभ –

  • 55-75 आयु महिला = ₹750 प्रतिमाह
  • 58-75 आयु पुरुष = ₹750 प्रतिमाह
  • 75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह

13. मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना –

  • किसी भी आयु का विशेष योग्यजन व्यक्ति जो अंधता, अल्पष्टि, चलन निःशक्तता, कुष्ठ रोग युक्त श्रवण शक्ति का ह्रास, मानसिक मंदता, मानसिक रोगी में से एक या अधिक हो।

पात्रता –

  • 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा विकलांगता से ग्रसित।
  • प्राकृतिक बौनापन, प्राकृतिक हिंजङापन
  • आय – 60,000 से कम हो

पेंशन दर –

पुरुषमहिलापेंशन राशि (प्रतिमाह)
58 वर्ष तक55 वर्ष तक750
58-75 वर्ष55-75 वर्ष1000
75 से ज्यादा75 से ज्यादा1250
  • वर्तमान में सभी कुछ रोग मुक्त विशेष योग्यजनों को 1500 प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।

14. राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019

  • शुरूआत – 17 दिसम्बर 2019 से प्रारम्भ की गयी है।

इस नीति की मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार है –

  • समूह आधारित कार्य प्रणाली द्वारा फसल कटाई के बाद की हानियों को कम करना।
  • कृषकों एवं उनके संगठनों की सहभागिता बढाना ।
  • मूल्य वर्धन और आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करके किसानों की आय बढ़ाना।
  • राज्य की उत्पादन बहुलता वाली फसलों (जैसे-जीरा, धनिया, सौंफ, अजवाइन, ग्वार, ईसबगोल, दलहन, तिलहन, मेहंदी आदि) के मूल्य संवर्धन तथा निर्यात को प्रोत्साहन देना।
  • खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के द्वारा कौशल विकास कर रोजगार का सृजन करना।
  • मांग आधारित उत्पादन को बढ़ाना।

15. वित्तीय प्रावधान –

  • किसानों और उनके संगठन के लिए कृषि- प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास के लिए परियोजना लागत का 50% का अनुदान दिया जाएगा। (अधिकतम 100 लाख रुपए)
  • कृषकों को और अन्य सभी पात्र उद्यमियों के लिए
    परियोजना लागत का 25% अनुदान दिया जाएगा। (अधिकतम 50 लाख रुपए)
  • टर्म लोन पर 5% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
  • राज्य के बागवानी उत्पादों को अन्य राज्यों के बाजारों में ले जाने के लिए 300 किलोमीटर से अधिक परिवहन के लिए 3 साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष ₹15 लाख रुपए का अनुदान।
  • राज्य के बागवानी उत्पादों के निर्यात के किराए में 3 वर्षों की अवधि के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम ₹10 लाख से ₹15 लाख का अनुदान।

16. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना –

  • 13 दिसंबर 2019 को शुरू।
  • यह योजना 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगी।
  • उद्देश्य – विनिर्माण सेवा व व्यापार आाधारित नये उद्यमों की स्थापना व स्थापित उद्यमों के विस्तार हेतु ऋण उपलब्ध कराना।
  • अधिकतम ऋण 10 करोङ रुपये।
  • योजना में बैंकों द्वारा प्राप्त ऋण पर ब्याज अनुदान की अधिकतर अवधि 5 वर्ष होगी।
  • एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु। (10 करोड़ तक)
  1. 25 लाख रुपए के ऋण तक – 8% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
  2. 5 करोड़ रुपए के ऋण तक – 6% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
  3. 10 करोड़ रुपए के ऋण तक – 5% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
  • कार्यालय आयुक्त उद्योग स्वर पर योजना के क्रियान्वयन व परीक्षण हेतु नोडल एजेंसी होगा।

17. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019-

  • उद्देश्य – एमएसएमई की परेशानी मुक्त स्थापना को प्रोत्साहित करना।
  • 12 जून 2019 को राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई।
  • इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी एमएसएमई को पावती प्रमाण पत्र जारी करती है।
    पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 3 साल तक एमएसएमई को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन और निरीक्षण से छूट दी जाती है।

18. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना –

  • शुरूआत – 17 दिसंबर 2019
  • यह योजना 17 दिसंबर 2019 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी।
  • उद्देश्य – राज्य में तीन स्थायी व संतुलित औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना।
  • क्रियान्वयन एजेंसी – निवेश संवर्धन ब्यूरो (1991)

प्रावधान –

  • निवेश अनुदान देय व जमा SGST को 75 प्रतिशत।
  • रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के EPF के नियोक्त के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत।
  • विद्युत कार/ मंडी शुल्क / भूमि शुल्क।
  • स्टाॅम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क।
  • 100 प्रतिशत छूट।

19. जनसूचना पोर्टल –

  • 13 सितंबर 2019 को लांच किया गया।
  • लक्ष्य – ’सशक्त नागरिक खुशहाल राजस्थान’
  • उद्देश्य – सरकार द्वारा वार्ड/पंचायत में – क्रियान्वित सभी योजनाओं की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाने के लिए।
  • राजस्थान जन सूचना पोर्टल लॉन्च करने वाला पहला राज्य बना।
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित।
  • आरटीआई एक्ट की धारा 4 (2) के तहत राजस्थान सरकार ने जन सूचना पोर्टल लांच किया।
  • यह राजीव मिशन के तहत संचालित है।
  • आर्थिक समीक्षा के अनुसार 115 विभागों में चल रही 260 योजनाओं की 562 जानकारी जन सूचना पोर्टल पर उपलब्ध है।

20. राजस्थान जन आधार योजना

  • विभिन्न योजनाओं के लाभ सरलता, सुगमता एवं पारदर्शी रूप से आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से “एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान” की विचारधारा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 18 दिसम्बर 2019 को राजस्थान जनआधार योजना का शुभारंभ किया गया।
  • जन आधार कार्ड की शुरुआत – 1 अप्रैल 2020
  • प्रदेश के सभी निवासी इसके पात्र होंगे।
  • इससे प्रत्येक परिवार को एक नंबर-एक कार्ड, एक पहचान मिलेगी।
  • नामांकित परिवारों को 10 अंक का और परिवार के सदस्यों को 11 अंकों का यूनिक पहचान नंबर दिया जा रहा है।
  • 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाली महिला मुखिया होगी।
    महिला नहीं है, तो 21 वर्ष या इससे अधिक आयु का पुरुष मुखिया होगा।
  • राज्य सरकार की सभी नकद सब्सिडी इस कार्ड के जरिए मिलेगी।
  • इसमें जन आधार पंजीयन, जन्म-मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, आधार पंजीयन होंगे।
  • आयोजना विभाग इसका प्रशासनिक विभाग होगा।
  • QR CODE
  • JAN AADHAR PORTAL
  • 18 दिसंबर 2019 को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण अधिनियम 2020 लागू किया गया।
  • राजस्थान जन आधार प्राधिकरण का गठन किया गया है।
  • यह आइडेंटी प्रूफ के लिए वैध है।
  • यह एड्रेस प्रूफ के लिए वैध है।

इस योजना का क्रियान्वयन –

  • राज्य स्तर पर – आयोजना विभाग
  • जिला स्तर पर – जिला कलेक्टर
  • ब्लॉक स्तर पर – उपखंड अधिकारी करते हैं।

उद्देश्य –

  1. राजस्थान के निवासी परिवारों का डाटाबेस तैयार कर उन्हें श्एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान प्रदान करना।
  2. लाभार्थियों को नकद लाभ बैंक खातों में तथा गैर नकद लाभ आधार प्रमाणन के उपरान्त घर के नजदीक हस्तान्तरित करवाना।
  3. राज्य के निवासियों को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में ई-कॉमर्स ओर बीमा सुविधाएं उपलब्ध करवाना।
  4. ई-मित्र तंत्र को जनआधार प्राधिकरण के अधीन लाकर उन पर प्रभावी नियन्त्रण रखना।
  5. महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
  6. राज्य में विद्यमान तकनीकी एवं इलेक्ट्रॉनिक ढाँचे का विस्तार करना।
  • जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु परिवार/परिवार के सदस्यों की पात्रता का निर्धारण करना।

21. विधवा विवाह उपहार योजना –

  • पेंशन योजना में हकदार विधवा महिला शादी करती है तो राज्य सरकार द्वारा उपहार स्वरूप ₹51,000 दिए जाते हैं।

22. उज्ज्वला योजना –

  • देह व्यापार में लिप्त महिलाओं एवं उनके बच्चों का पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु शुरू की गई।

23. मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना –

  • इस योजना की शुरूआत 1 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा की गई।
  • मंत्रालय – श्रम कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग
  • उद्देश्य – बेरोजगार युवकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • लाभार्थी – राजस्थान के बेरोजगार नागरिक
  • बेरोजगार युवक द्वारा ईटर्नशिप प्रशिक्षण करके प्रमाण-पत्र प्राप्त करके उसे वेबसाइट पर अपलोड करना होगा और उसके बाद ही वह इस योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर सकता है।

बेरोजगारी भत्ते की राशि –

(1) पुरुष लाभार्थियों के लिए – 4000 रु. प्रति माह।
(2) महिला, ट्रांसजेंडर एवं विशेष योग्यजन लाभार्थियों के लिए 4500 रु. प्रति माह

योग्य होने की शर्तें –

(1) लाभार्थी राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
(2) स्नातक होना चाहिए।
(3) आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।

  • आवेदन – 1 अप्रैल से 30 जून।
  • आवेदकों की लिमिट – 1 लाख 60 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रु.।

24. स्वाधार गृह योजना –

  • शुरूआत – 2001-02 में भारत सरकार द्वारा।
  • विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाली महिलाओं को आश्रय प्रदान करने हेतु।

25. मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना –

  • लागू – 12 जून, 2021 से संपूर्ण राज्य में।
  • उद्देश्य – कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करना।
  • बच्चों के लिए प्रावधान –
    प्रत्येक अनाथ बालक, बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में ₹1 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक ₹2,500 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹5 लाख की सहायता राशि देय है।
    साथ ही इन बच्चों को कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा, छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश, कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिये आवासीय सुविधाओं हेतु अम्बेडकर डी.बी.टी. योजना का लाभ एवं मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने वाले लाभ प्राथमिकता से देय है।

विधवा महिलाओं के लिए प्रावधान –

  • विधवा महिला को ₹1 लाख की तत्कालिक सहायता के साथ ही ₹1500 प्रतिमाह पेंशन देय है, साथ ही विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक ₹1,000 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय हैं।

गाड़िया लोहार भवन निर्माण अनुदान सहायता योजना –

  • गाड़िया लोहारों को स्थायी रूप से बसाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 450 वर्ग गज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्ग गज भूमि आवंटन करने का प्रावधान किया है।
  •  2013-14 से महाराणा प्रताप भवन निर्माण योजना के तहत गाड़िया लोहार परिवारों को भवन निर्माण हेतु स्वयं का भूखण्ड होने पर तीन किश्तों में ₹70,000 देने का प्रवधान है। (₹25,000+ ₹25,000+ ₹20,000)

गाड़िया लोहार कच्चा माल क्रय अनुदान सहायता योजना –

  • गाड़िया लोहारों को स्वावलम्बी बनाने हेतु उनके व्यवसाय के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013-14 से कच्चा माल क्रय करने हेतु जीवन में एक बार अनुदान के रूप में राशि ₹5,000 दिये जाने का प्रावधान है।

26. मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना –

  • इस योजना की शुरूआत 17 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री द्वारा की गई।
  • उद्देश्य – बिजली के बिल पर अनुदान प्रदान करना।
  • लाभार्थी – राजस्थान के किसान
  • अनुदान राशि – अधिकतम 1000 रु. प्रतिमाह एवं 12000 रु. प्रतिवर्ष
  • प्रमुख – प्रदेश में कृषि विद्युत क दर 5 रु. 55 पैसे प्रति यूनिट है जिसमें किसानों को मात्र 90 पैसे प्रति यूनिट शेष 4 रु. 65 पैसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है।

27. इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना –

  • 16 अगस्त 2021 से शुरू
  • शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद युवाओं के लिए स्वरोजगार उपलब्ध करवाना।
  • आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष तक।
  • इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र के 5 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ₹50,000 तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • पहले आओ पहले पाओ के आधार पर।

28. इंदिरा रसोई योजना –

  • इंदिरा आवास योजना।
  •  8 रु. में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाना जिसमें 100 ग्राम दाल 100 ग्राम सब्जी 250 ग्राम चपाती को मिलाकर 400 ग्राम की थाली अचार के साथ उपलब्ध कराई जा रही है।
  • “राज्य में कोई भूखा न सोए” इस संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश भर के 213 नगरीय निकायों (10 नगर निगम, 34 नगर परिषद व 169 नगर पालिका) में शुरु होने वाली 358 इंदिरा रसोई में से 324 रसोई का एक साथ शुभांरभ किया गया। वर्तमान में कुल 870 रसोइयाँ संचालित हो रही है।
  • राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली 12 रु. का अनुदान दिया जा रहा है। अब वर्तमान में सरकार प्रति थाली 17 रुपए खर्च कर रही है।
  • योजना पर प्रतिवर्ष राज्य सरकार 100 करोङ रुपए व्यय करेगी।
  • यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती सद्भावना दिवस पर शुरू की गई थी।

29. महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय –

  • शुरूआत – 2019-20
  • कक्षा 1 से 12 तक
  • 33 जिला मुख्यालय तथा 168 ब्लाॅकों सहित 201 विद्यालय।
  • आरबीएसई पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा।
  • बोर्ड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान विद्यालय।
  • बजट घोषणा 2020-21 – 5,000 से अधिक आबादी वाले समस्त गांवों एवं कस्बों में अगले 2 वर्षों में इंग्लिश मीडियम के लगभग 1200 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय प्रारंभ किये जायेंगे।
  • ऐसे 551 स्कूल संचालित है।

30. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना –

  • शुरूआत – 1 सितम्बर 2019
  • नवीन चरण – 30 जनवरी, 2021 / 1.10 करोङ परिवार शामिल
  • प्रति परिवार प्रतिवर्ष निःशुल्क उपचार सीमा को बढ़ाकर 3.30 लाख के स्थान पर 5 रु. लाख किया है।
  • वर्तमान में सामान्य बीमारी खर्च वहन 50 हजार गम्भीर बीमारी 4.50 लाख
  • उपचार के लिए उपलब्ध 1401 पैकेज को बढ़ाकर 1570 किया गया है।
  • खर्च वहन-भर्ती होने के 5 दिन पहले से डिस्चार्ज होने के 15 दिन बाद तक का खर्च निःशुल्क।
  • प्रतिवर्ष व्यय – 1750 करोङ / केंद्र और राज्य सरकार का हिस्सा क्रमशः 21ः79
  • इस पैकेज की सूची में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस रोग को भी शामिल कर लिया गया है।
  • यह योजना भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के स्थान पर आई है जो 13 दिसंबर 2015 को शुरु हुई थी।
  • भारत में सितंबर 2018 को आयुष्मान योजना शुरु हुई।

31. राजस्थान कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय एवं कृषि –

  • निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019
  • उद्देश्य – उन्नत कृषि प्रसंस्करण अवसंरचनात्मक विकास पात्रता व अनुदान दर-किसान/कृषक संगठन 50 प्रतिशत/1 करोङ अधिकतम।
  • उद्यमी – 25 प्रतिशत/50 लाख अधिकतम
  • 1 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान – एससी, एसटी, महिला, किसान, संस्था, युवा उद्यमी।
  • इसके तहत 1000 करोङ का कृषक कल्याण कोष का गठन 16 दिसंबर 2019 को किया गया।

32. बजट घोषणा 2022-23 –

  • पालनहार योजना में 0-6 आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि ₹500 को बढ़ाकर ₹1500 एवं 6-18 आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि ₹1000 से बढ़ाकर ₹2500 करने की घोषणा।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000-1000 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल और खोले जाएंगे।
  • कृषि आधारित MSME की स्थापना विस्तार हेतु मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत ब्याज सब्सिडी 8% से बढ़ाकर 9% कर दी गई।

33. घर – घर ओषधि योजना

  • 1 अगस्त 2021 से शुरू
  • बिलोची गाँव (जयपुर से)
  • तुलसी, अश्वगंधा ,गिलोय और कालमेघ जैसे औषधीय पौधों का वितरण

33. कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना

  • इस योजना की शुरुआत 2015-16 में की गई थी।
  • इस योजना का संचालन उच्च शिक्षा विभाग कर रहा है।
  • इसमें एससी/एसटी/ओबीसी, सामान्य वर्ग, आर्थिक पिछङा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान है।

34. देवनारायण छात्रा स्कूटी एवं प्रोत्साहन राशि योजना

  • इस योजना की शुरुआत वर्ष 2011-12 में की गई थी।
  • इस योजना का नोडल विभाग उच्च शिक्षा विभाग है।
  • राज्य के अति पिछङे वर्ग की जातियों बंजारा, बालदिया, लबाना, गङिया, लौहार, गाडोलिया, गुर्जर, राईका और रेबारी के लिए यह योजना संचालित है।
  • योजना का उद्देश्य अति पिछङे वर्ग की छात्राओं को त्ठैब्ध्ब्ठैम् द्वारा आयोजित स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्री परीक्षाओं में अधिक से अधिक अंक लाने, उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने और आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
  • योजना में प्रतिवर्ष 1500 छात्राओं को स्कूटी दिये जाने का प्रावधान है।

35. सिलिकोसिस नीति 2019

  • इसका प्रारंभ 3 अक्टूबर, 2019 से राज्य सरकार द्वारा किया गया। खदानों, कारखानों, पत्थर तोङने, पत्थर की घिसाई, पत्थर पीस कर पाउडर बनाने, गिट्टी बनाने, सेन्ड स्टोन से मूर्ति बनाने आदि कार्यों से धूल के सम्पर्क में आने से श्रमिक सिलिकोसिस नामक लाइलाज बीमारी से पीङित हो जाता है। इस नीति के तहत सिलिकोसिस से पीङित लोगों को वित्तीय मदद के साथ उनके पुनर्वास, बीमारी के रोकथाम और नियंत्रण के उपयों को अपनाया जा रहा है।
  • सिलिकाॅसिस रोग के प्रमाणीकरण पर पुनर्वास के लिए 3 लाख रु. की सहायता प्रदान की जाती है। पीङित को 1500 रु. प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। रोगी की मृत्युपरांत अंतिम संस्कार हेतु 10,000 रु. एवं परिजनों को 2 लाख रु. प्रदान किए जाते हैं। मृतक की विधवा को (500 से 1500 रु.) आयु अनुसार पेंशन दी जाती है।

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