उदयपुर जिला – जिला दर्शन (राजस्थान) | नए आंकड़ों के साथ | RJ-27

आज के आर्टिकल में हम उदयपुर जिला (Udaipur) के बारे में विस्तार से जानेंगे, इस जिले से जुडी हर नई जानकारी पढेंगे। उदयपुर जिले का क्षेत्रफल,भौगोलिक स्थिति,विधानसभा क्षेत्र, उदयपुर जिले का मानचित्र, उदयपुर जिले की सीमा, Udaipur jila ka Naksha, Udaipur jila Map, Udaipur jile ka Manchitra, Udaipur district tehsil list, Udaipur jila number, Rajasthan ka New Jila।

उदयपुर जिले का नक्शा | Udaipur District Map

उदयपुर जिले का नक्शा

उदयपुर जिला की भौगोलिक स्थिति- Geography of  Udaipur District

जिला नामउदयपुर
राज्यराजस्थान
संभागउदयपुर
क्षेत्रफल
जनसंख्या (2011)
भाषाराजस्थानी , हिंदी
पिनकोड313004
राजस्व गाँव

उदयपुर जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?

क्रम संख्यातहसील नाम
1.कोटड़ा
2.मावली
3.गिरवा
4.कनौर
5भिंडर
6बडगांव
7.गोगुंदा
8.खेरवाड़ा
9.ऋषभदेव
10.वल्लभनगर
11.झाड़ोल
12.कुराबड़
13.सायरा
14. फलासिया
15.घासा
16.नया गाँव

उदयपुर जिला विशेष:

  • सीमावर्ती जिले(6)  : पाली, सिरोही, डूंगरपुर, सलूम्बर, चित्तोड़गढ़ और राजसमन्द
  • उदयपुर जिले का शुभकंर –  कब्र बिज्जू
  • उदयपुर के संस्थापक –  महाराणा उदयसिंह द्वितीय
  • राजस्थान साहित्य अकादमी,1958 – उदयपुर
  • सास बहु का मंदिर  –  नागदा(उदयपुर)
  • ह्यूमन एनाटोमी पार्क – देश का इस तरह का पहला पार्क उदयपुर में स्थापित किया जायेगा।
  • डे केयर सेंटर – मोहनलाल सुखाङिया विश्वविद्यालय में राज्य का पहला डे केयर सेंटर निर्माणाधीन है।
  • सेई बाँध परियोजना – जवाई नदी (पश्चिमी राजस्थान की गंगा) पर निर्मित। यह बाँध भराव क्षमता को बढ़ाने के कारण चर्चित है।
  • महाशीर मछली – उदयपुर में स्थित बङे तालाब में राजस्थान का पहला मत्स्य अभयारण्य बनाया जायेगा जिसमें महाशीर मछलियों को संरक्षण प्रदान किया जायेगा।
  • उदयपुर के उपनाम – सितारों का शहर, झीलों की नगरी, राजस्थान का कश्मीर व ह्वाइट सिटी।
  • जिले में प्राप्त होने वाले खनिज – सीसा-जस्ता, चांदी, मैगनीज, लौहा, फास्फेट, ऐस्बेस्टोस, लाइमस्टोन (चूना पत्थर) तथा संगरमरमर प्रमुख है।
  • अभयारण्य – जयसमन्द वन्य जीव अभयारण्य तथा सुन्दरमाता अभयारण्यों में नवीन प्रजातियों का पता चला है।
  •  गुहिल वंश का संस्थापक गुहिल था।
  • माछला मगरा – पिछोला झील (उदयपुर) के पास स्थित एक पहाङी का नाम है। इस पहाङी पर एकलिंगगढ़ नामक प्राचीन दुर्ग स्थित है।
  • फतेहसागर – पिछोला के उत्तर में स्थित फतेहसागर झील का निर्माण 1678 ई. में महाराणा जयसिंह ने करवाया था। इस झील में नहर द्वारा आहङ नदी से पानी लाया जाता है।
  • मोती मगरी (महाराणा प्रताप स्मारक) – फतेहसागर झील के किनारे स्थित मोती मगरी पहाङी को महाराणा प्रताप स्मारक के रूप में विकसित किया गया है। महाराणा उदयसिंह ने उदयपुर नगर बसाने से पूर्व इस पहाङी पर मोती महल बनवाया था।
  • बागोर की हवेली – पिछोला झील के पास स्थित इस हवेली का निर्माण ठाकुर अमरचंद बङवा ने अठारहवीं शताब्दी में करवाया। अब यह हवेली रजवाङी संस्कृति के संग्रहालय में बदल दी गई है।
  • दरीखाना – वह स्थान जहां रानी अपनी सखियों के साथ बैठकर मन बहलाने वाली बातें किया करती थीं, उसे दरीखाना कहते हैं।
  • हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड – देबारी (उदयपुर) में स्थित है। हिन्दुस्तान जिंक कम्पनी केन्द्र सरकार द्वारा संचालित उपक्रम है। यह उपक्रम सीसा, जस्ता एवं चांदी का उत्खनन करने वाला भारत का एकमात्र उपक्रम है।
  • सौर वैद्यशाला – इसकी स्थापना 1975 ई. में उदयपुर में फतेहसागर झील के बीच स्थित टापू पर की गई। सूर्य के केन्द्र पर डेढ़ करोङ डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान है। सूर्य के बाहरी भाग का तापमान लगभग 6000oC है।
  •  शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान – राजस्थान में विद्यालयी शिक्षा के गुणात्मक समुन्नयन के लिए 11 नवम्बर 1978 को उदयपुर में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई।
  • आहङ – में गंगोभव नामक एक प्राचीन तीर्थ रूप चतुरस्न कुण्ड है जिसके बीच में एक प्राचीन छतरी बनी हुई है जो उज्जयिनी के प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य के पिता गंधर्वसेन का स्मारक बताई जाती है।
  • हवाला गांव – उदयपुर से आठ किमी. की दूरी पर 1989 ई. में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा ग्रामीण शिल्प एवं लोककला परिसर शिल्प ग्राम का सृजन किया गया।
  • एकलिंग जी – उदयपुर से 22 किमी. उत्तर में एकलिंग जी का प्रसिद्ध मंदिर है। जिस गांव में यह मंदिर बना है उसको कैलाशपुरी कहते हैं।
  • 100 श्लोकों वाली प्रशस्ति – एकलिंगजी मंदिर में महाराणा रायमल की 100 श्लोकों वाली प्रशस्ति लगी है, जो मेवाङ के इतिहास तथा इस मंदिर के वृतांत के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  • मीरां बाई का मंदिर – एकलिंग जी मंदिर के निकट ही महाराणा कुंभा ने एक विष्णु मंदिर बनाया था, जिसको लोग मीरां बाई का मंदिर कहते हैं।
  • नागदा – मेवाङ के राजाओं की प्राचीन राजधानी नागदा एकलिंग जी मंदिर से थोङी दूरी पर स्थित है। सास-बहू का प्रसिद्ध मंदिर नागदा में स्थित है।
  • जावर – सीसा-जस्ता की खानों के लिए सम्पूर्ण भारत में प्रसिद्ध है।
  • ऋषभदेव – यहां की मूर्ति पर केसर बहुत चढ़ाई जाती हैं, जिससे इसको केसरिया जी या केसरिया नाथ जी कहते है। काले पत्थर की मूर्ति होने के कारण भील लोग ऋषभदेव को कालाजी कहते हैं।
  •  महाराणा कुम्भा द्वारा निर्मित सुप्रसिद्ध विजय स्तम्भ (चित्तौङगढ़) की दीवारों पर तीन-तीन बार अल्लाह शब्द अरबी अक्षरों में अंकित है।
  • कलीला दमना- पंचतंत्र के अरबी अनुवाद पर आधारित लघु चित्र केवल मेवाङ शैली में बने है।
  • फुलवारी की नाल- उदयपुर से 160 किमी. पश्चिम में स्थित है।
  • भोराठ का पठार – कुभलगढ़ (राजसमंद) से गोगुन्दा (उदयपुर) तक फैले हुए पठारी भाग को भोराठ का पठार कहते है।
  • राजस्थान साहित्य अकादमी  –  उदयपुर, स्थापना – 1958 ईस्वी  में

FAQ – Udaipur

1.  उदयपुर जिले को मान्यता कब मिली?

उत्तर  –  1948 में


2. उदयपुर जिले में कितनी तहसील है?

उत्तर – सोलह (16 ),  उदयपुर जिले में 16 तहसील व 11 उपखंड है।

  • कोटड़ा
  • मावली
  • गिरवा
  • कनौर
  • भिंडर
  • बडगांव
  • गोगुंदा
  • खेरवाड़ा
  • ऋषभदेव
  • वल्लभनगर
  • झाड़ोल
  • कुराबड़
  • सायरा
  • फलासिया
  • नया गाँव
  • घासा

3. उदयपुर जिले के जिला कलेक्टर कौन है?

उत्तर – उदयपुर जिला के प्रथम जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल है।


4. उदयपुर पिन कोड क्या है?

उत्तर – उदयपुर पिन कोड 313004 है ।


5. उदयपुर की जनसंख्या कितनी है?

उत्तर –  ज्ञात नहीं


6. उदयपुर  जिले की सीमा कितनी है?

उत्तर  – ज्ञात नहीं


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