आज के आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे : आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) . इसके बारे में हम विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
आज का पंचांग – Aaj Ka Panchang
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हर काम करने के लिए आजकल मुहूर्त को देख कर किये जाते है। इसलिए पंचांग का प्राचीन काल से ही बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग में सूर्योदय-सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त सब का पता चल जाता है।
Aaj Ka Panchang – 13 मई 2022 का पंचांग
तिथि | चतुर्दशी |
वार | रविवार |
नक्षत्र | स्वाति |
पक्ष | शुक्ल |
करण | वणिज |
योग | व्यतीपात |
शुभ और अशुभ समय – 13 मई 2022
शुभ समय
अभिजित | 11:50 PM – 12:44 PM |
अशुभ समय
दुष्टमुहूर्त | 17:16 – 18:10 तक |
कंटक | 10:01 – 10:56 तक |
यमघण्ट | 13:38 – 14:33 तक |
राहु काल | 17:22 – 19:04 तक |
कुलिक | 17:16 – 18:10 तक |
कालवेला या अर्द्धयाम | 11:50 – 12:44 तक |
यमगण्ड | 12:17 – 13:59 तक |
गुलिक काल | 15:41 – 17:22 तक |
हिन्दू मास एवं वर्ष – 13 मई 2022
शक संवत | 1944 |
कलि संवत | 5123 |
दिन काल | 13:33 |
विक्रम संवत | 2079 |
मास अमांत | वैशाख |
मास पूर्णिमांत | वैशाख |
सूर्य एवं चंद्र की स्थिति – 13 मई 2022
सूर्योदय | 05:30 AM |
चंद्रोदय | 04:18 PM |
चंद्र राशि | कन्या |
सूर्यास्त | 07:03 PM |
चन्द्रास्त | अगले दिन 04:07 PM |
ऋतु | ग्रीष्म |
दिशा शूल | पश्चिम |
चन्द्रबल और ताराबल – 13 मई 2022
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
पंचांग क्या है ?
पंचांग से हमें बहुत सी जानकारियाँ मिलती है। जैसे- आज कोनसी तिथि है। कौनसा पक्ष चल रहा है। आज कौनसा वर है। नया काम करने के लिए शुभ कल कोनसा है। अशुभ काल कब तक चलेगा। सूर्यास्त का समय क्या है। सूर्योदय कब होगा। चन्द्रोदय कब होगा। चन्द्रास्त का समय क्या है। नक्षत्रों की दिशा क्या चल रही है। सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति क्या है।
अशुभ समय में किया गया कार्य ठीक नहीं हो पता है इसलिए पंचांग से हम अपने काम को शुभ मुहूर्त में करने की जानकारी मिल जाती है। इससे हम योजना बना सकते है की कोनसा कार्य कब करना है।
पंचांग का सामान्य अर्थ पांच अंगों से है। इसका उपयोग ज्योतिषी शास्त्र में पांच भागो को मिलाकर किया जाता है। ये पांच इस प्रकार है-
1. वार
2. तिथि
3. नक्षत्र
4. योग
5. करण।
वार
वार का अर्थ है दिन। एक हफ्ते में सात दिन होते हैं। सात ग्रहों के नाम पर ये वार के नाम रखे गए हैं – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
तिथि
सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति के कारण तिथियों का निर्माण होता है। तिथि के नाम इस प्रकार होते है- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या / पूर्णिमा।
नक्षत्र
आसमान में रात को तारों के समूह बनते है उन्हें नक्षत्र कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र माने जाते है। इनके स्वामी 9 ग्रह है। 27 नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैं आश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुण्यसूत्र नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, अश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वा नक्षत्र, पूर्वा नक्षत्र, पूर्वा नक्षत्र है। विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, गंड नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, पूर्वा नक्षत्र नक्षत्र है।
स्वामी ग्रह | नक्षत्र |
केतु | अश्विनी, मघा, मूल |
शुक्र | भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढा |
रवि | कृत्तिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढा |
चन्द्र | रोहिणी, हस्त, श्रवण |
मंगल | मॄगशिरा, चित्रा, श्रविष्ठा |
राहु | आद्रा, स्वाती, शतभिषा |
बृहस्पति | पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वभाद्र्पद |
शनि | पुष्य, अनुराधा, उत्तरभाद्रपदा |
बुध | अश्लेशा, ज्येष्ठा, रेवती |
योग
सूर्य और चंद्रमा की अलग-अलग दूरी जानने के लिए विशेष गणना की जाती है। योग भी 27 प्रकार के होते है। ये इस प्रकार है- विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतिपात, वरीयान, परिध, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति
करण
तिथि पर दो करण हैं। किसी तिथि के पहले भाग में और किसी तिथि के उत्तरार्ध में कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बावा, बलव, कौलव, तैतिल, गर, वनिज, विशति, शकुनि, चतुष्पद, नाग और किस्तुघन। विष्टि करण को भद्रा कहा जाता है और भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
1. आज का तिथि है ?
➡️ 13 मई 2022
2. आज क्या वार है ?
➡️ शुक्रवार
3. आज कौनसा पक्ष चल रहा है ?
➡️ शुक्ल
4. सबसे शुभ मुहूर्त कौनसा होता है ?
➡️ अभिजित
5. अभिजित क्या है ?
➡️ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे शुभ मुहूर्त अभिजित माना जाता है।
6. आज कौनसा नक्षत्र है ?
➡️ हस्त
7. आज सूर्योदय कब होगा ?
➡️ 05:32 AM
8. आज चंद्रोदय कब होगा ?
➡️ 03:05 PM
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