आज की पोस्ट में कोशिका झिल्ली के कार्य (Function of Cell Membrane) को विस्तार से बताया गया है तथा महत्वपूर्ण अंग भी बताये गए है |
जीवद्रव्यकला या कोशिका झिल्ली के कार्य
कोशिका झिल्ली के कार्य – Plasma Membrane
1. यह विभिन्न पदार्थों के आयनों तथा अणुओं के कोशिका के अन्दर-बाहर आने-जाने का नियत्रंण करती है अर्थात् यह चयनात्मक पारगम्य (Selectively permeable) कला का कार्य करती है।
2. यह रक्षण, अवलम्बन तथा यांत्रिक शक्ति प्रदान करती है। कोशिका को आकृति व आकार प्रदान करती है।
3. यह कोशिकीय पहचान (Cell recognition) में मदद करती है।
4. जीवाणुओं में कोशिका कला के अन्तर्वलनों पर श्वसन एंजाइम पाये जाते है। माइटोकाॅन्ड्रिया कला पर भी एंजाइम होते है।
5. यह कोशिका द्रव्य को अंगकों के रूप में विभिन्न् प्रकोष्ठों (Compartments) में बाँटने में मदद करती है।
अतः विभिन्न प्रकार की रासायनिक क्रियाएँ सम्भव बनाती है। इसके द्वारा विभिन्न पदार्थों का परिवहन होता है।
परिवहन प्रमुखतः दो प्रकार का होता है-
(अ) निष्क्रिय परिवहन (Passive Transport)-
प्लाज्मा कला से होकर अनेक प्रकार के आयन्स (ions) अपने अधिक सान्द्रता के क्षेत्र से कम सान्द्रता के क्षेत्र की ओर अर्थात् सान्द्रण प्रवणता के अनुसार साधारण रूप से विसरित हो जाते है। इसमें किसी प्रकार की ऊर्जा का व्यय नहीं होता है। इसे निष्क्रिय परिवहन (Passive Transport) कहते हैं।
विसरण द्वारा जल का तनु घोल (dilute solution) अर्थात् उच्च जल सान्द्रता वाले स्थान से सांद्र घोल (कम जल सान्द्रता वाले स्थान) की ओर अर्ध पारगम्य झिल्ली के पार होकर जाना परासरण (osmosis) कहलाता है।
ध्रुवीय अणु (polar molecules) अध्रुवीय लिपिड सतह से होकर पार नहीं जा पाते तथा इस प्रकार के अणुओं का स्थानान्तरण झिल्ली की वाहक प्रोटीन (carrier protein) की मदद से होता है।
(ब) सक्रिय परिवहन (Active Transport)-
सक्रिय परिवहन में आयन या अणुओं का परिवहन कोशिका कला से होकर सान्द्रण प्रवणता (Concentration gradient) के विपरीत दिशा में होता है अर्थात् निम्न सान्द्रता स्थान से उच्च साद्रता वाले स्थान की ओर होता है तथा यह ऊर्जा निर्भर प्रक्रिया है जो वाहक प्रोटीन (carrier protein) द्वारा सम्पन्न होती है।
ऊर्जा निर्भर प्रक्रिया में कोशिका में कोशिका कला से अणुओं या आयन्स को ले जाने के लिए आयन्स या अणुवाहक (carriers) ऊर्जा का व्यय करते है। यह क्रिया एन्जाइम (enzyme) परमिएजेज व आक्सीजन की उपस्थिति में होती है तथा ATP ऊर्जा उपलब्ध कराते है। सोडियम/ पोटेशियम पम्प भी इसी सिद्धान्त पर कार्य करते है।
6. कोशिका कला के द्वारा ठोस एवं तरल पदार्थों का अन्तःग्रहण भी किया जाता है, इस क्रिया को एण्डोसाइटोसिस (Endocytosis) भी कहते है। पदार्थों की प्रकृति के अनुसार यह क्रिया दो प्रकार की होती है-
(क) कोशिकापायन (Pinocytosis)-
प्लाज्मा कला से होकर कोशिका द्वारा तरल पदार्थों के अन्तर्ग्रहण की क्रिया कोशिकापायन (Pinocytosis) कहलाती है।
(ख) कोशिका भक्षण (Phagocytosis)-
प्लाज्मा कला से होकर कोशिका द्वारा ठोस पदार्थों के अन्तर्ग्रहण की क्रिया कोशिका भक्षण (Phagocytosis) कहलाती है। कोशिकापायन (Pinocytosis) तथा कोशिका भक्षण दोनों ही क्रियाएँ समान होती है और दोनों में ही ऊर्जा व्यय होती है।
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