अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को ही क्यों होगा – Lord Ram Pran Pratistha | Ayodhya Ram Mandir Opening Date

आज के आर्टिकल में अयोध्या में राम मंदिर का के उद्घाटन समारोह (Ayodhya Ram Mandir Opening Date) और मंदिर के बारे में खास बातें इसके अलावा पिछले 495 वर्षों के इतिहास में अयोध्या मंदिर का क्या विवाद रहा,इसके बारे में जानेंगे।

अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन – Ayodhya Ram Mandir Opening Date

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अबकी बार 22 जनवरी को सबसे बड़ी दीपावली अयोध्या में मनाई जाएगी। इस दिन पुरे भारत में हिन्दुस्तानी इस दिन का बेहद प्यार से इंतज़ार में है । अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 24 जनवरी का करोड़ो देशवासी लंबे समय से बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब ज्यादा दिन नहीं बचे है हर भारतवासी का यह सपना पूरा होने में। इंतजार की यह घड़ी जल्दी खत्म होने वाली है क्योंकि 22 जनवरी 2024 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलाल के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। मार्गशीर्ष नक्षत्र 22 जनवरी 2024 की तारीख तय की गई है। दोपहर 12:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में  प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
इस शुभ अवसर पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के लगभग 4000 संत महात्मा और 2500 से ज्यादा प्रतिष्ठित लोग इस के साक्षी बनेंगे।

ध्यान रहें कि 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था।

आखिरकार 22 जनवरी का दिन ही अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्यों चुना गया है?

प्रभु श्री राम का जन्म अभिजीत योग में हुआ था और 22 जनवरी 2024 को अभिजीत योग लंबे समय तक का है इसलिए यह तारीख प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह तिथि सबसे शुभ रहेगी।

अयोध्या की प्रसिद्ध पीठ तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बताया कि

22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे से अविजित मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग मृगशिरा नक्षत्र है। हजारों वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग आता है। इसलिए यह सबसे ज्यादा शुभ होगा।
अभिजीत मुहूर्त – 12:16 PM – 12:59 PM

इस दिन सोमवार का वार है और कूर्म द्वादशी है। द्वादशी तिथि 21 जनवरी 2024 को शाम 07:27 बजे शुरू होकर 22 जनवरी 2024(Ayodhya Ram Mandir Opening Date) को शाम 07 बजकर 52 मिनट तक होगा ।

अयोध्या राम मंदिर के बारे में

मंदिर नामअयोध्या राम मंदिर
स्थलराम जन्मभूमि, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत
वास्तुकारचन्द्रकांत सोमपुरा,निखिल सोमपुरा और अशीष सोमपुरा
निर्माताश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और लार्सन एंड टूब्रो द्वारा निर्माण
मंदिर1
मंदिर में गुम्बदों की संख्या5
मंदिर की ऊंचाई161 फीट
मंदिर खर्चलगभग 1800 करोड़
मंदिर परिसर का क्षेत्रलगभग 70 एकड़
मंदिर का भूमि पूजन5 अगस्त ,2020
उद्घाटन तिथि22 जनवरी 2024

 

अयोध्या मंदिर से जुडी खास बातें

  • 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला हुआ था।
  •  5 फरवरी 2020 को राम मंदिर के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया गया।
  • 25 मार्च 2020 को रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया गया।
  • 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भूमि पूजन हुआ।
  • 1 जून 2022 को मंदिर के गर्भगृह का निर्माण शुरू हुआ।

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा कौन कराएगा?

पंडित गणेश्वर शास्त्री ज्योतिष  के साथ भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा वाराणसी के प्रतिष्ठित आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित अपने शिष्यों के साथ करवाएंगे। पूजा रूप में दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे के बीच में प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम होगा।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अतिथियों को आमंत्रित करने के लिए पूरे देश में बांटा जाएगा अक्षत कलश

22 जनवरी 2024 को देश के हर छोटे-बड़े मंदिर गांव, गली, मोहल्ले सभी को शानदार तरीके से सजाया जाएगा।  जय राम, श्री जय जय राम का जयकारा गूंजेगा। सभी देशवासी अपने-अपने धर्म के अनुसार पूजा करेंगे। अयोध्या नगरी से से जो प्रसाद आएगा वह हर जिला, गांव और ढाणी में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। 1 जनवरी से 15 जनवरी तक राम की फोटो और अक्षय चावल घर-घर निमंत्रण के रूप में पहुंचेंगे।

22 january 2024 ram mandir

22 जनवरी को दीपावली की तरह एक बड़ा दीप उत्सव मनाया जाएगा।सभी मंदिरों, दरगाह, चर्च, सनातन मंदिर सभी को एक साथ और एक जैसा सजाया जाएगा। इसी दिन शाम को हर गली, मोहल्ले, घर, दुकानों पर दीपक रोशन होंगे हर गली मोहल्ले व मंदिर रौशनी से जगमगा जाएंगे और अँधेरे का नाश होगा। भारत देश 22 जनवरी को शुभ दिन के रूप में मनाएगा।

राम मंदिर की स्थापना से अयोध्या की तस्वीर क्यों बदल जाएगी?

आराध्य भगवान श्रीराम 500 साल की प्रतीक्षा के पश्चात अपने भव्य मंदिर अयोध्या में विराजमान होने जा रहे हैं। इसके साथ ही अयोध्या नगरी सुख-समृद्धि से भी लबरेज  होने जा रही है। मोदी-योगी सरकार की ओर से अयोध्या में चल रही वर्तमान 30.5 हजार करोड़ की परियोजनाओं में से लगभग 2024 में पूरी हो जाएगी। हर सेक्टर जैसे  हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवेल-टूरिज्म से जुड़ी परियोजनाएं हैं। इन सभी परियोजनाओं पूरी होने पर बड़ी संख्यां में  नये रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

राम मंदिर के वास्तुकार  – Architect of Ram Mandir

अयोध्या का राम मंदिर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। सोमपुरा परिवार के लोग पिछले 15 पीढ़ियों से देश में  मंदिरों का डिजाइन बना रहे हैं और अब तक परिवार ने सेंकडों से ज्यादा मंदिरों की डिजाइन बनाया हैं। 2020 में मंदिर के पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव करके शुरू किया गया और उसी के अनुसार मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। राम मंदिर की चौड़ाई 235 फीट , लम्बाई 360 फीट  और 161 फीट ऊंचाई है। इस मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं। इस मंदिर नागर शैली में बनाया गया है।

अयोध्या राम मंदिर का आकार

मंदिर का आकार वर्तमान ढांचे से तीन गुना बड़ा है। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय और परिधि गोलाकार बनाई गयी है। गर्भगृह का निर्माण मकराना(राजस्थान) मार्बल से किया गया है। मंदिर 161 फीट ऊंचा है। इसमें पांच गुंबद और एक टावर का निर्माण किया गया है । मंदिर का आकार तीन मंजिला है। और खास बात ये है कि गर्भ गृह को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर ही पड़ें। रामलला भगवान श्रीराम के शिशु अवतार माने जाते हैं।

मंदिर में  दरवाजे और खिड़कियां सागौन की लकड़ी से तैयार किए गए है। इन लकड़ियों को महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मंगवाया गया था।

मंदिर का घंटा – Temple Bell

मंदिर में 2100 किलो का एक बड़ा घंटा लगाया गया है। जिसकी ऊंचाई 6 फुट और चौड़ाई 5 फुट होगी। मंदिर में छोटे आकार के 10 छोटे घंटे भी लगाए गए है । जिनका वजन 500, 250, 100 किलो होगा। घंटों का निर्माण पीतल के साथ अन्य धातुओं को मिलाकर किया गया है । इन घंटों का निर्माण फर्म सावित्री ट्रेडर्स किया है।

मंदिर के घंटे की खास बात यह है कि घंटे की गूंज पूरे अयोध्‍या में लोग सुन सकते हैं। यह घंटा अष्‍टधातु (सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, लेड, टिन, आयरन, मरकरी) से तैयार किया गया है। इस घंटें में में यह भी खासियत होगी कि इस घंटे में वर्षों तक जंग नहीं लगेगा। इसकी गूंज/आवाज 15 किलोमीटर तक सुनाई देगी।

क्या है  1528 से 22 जनवरी 2024 तक की राम मंदिर की कहानी?

प्यारे देशवासियों  राम जन्मभूमि का इतिहास बहुत पुराना है। 1528 से लेकर 2023 आज तक श्रीराम जन्म भूमि के पूरे 495 वर्षों के इतिहास में काफी उतार चढाव आए। केस चलते – चलते   9 नवंबर 2019 के दिन  5 जजों की संवैधानिक बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले से सभी देशवासियों में ख़ुशी की लहर दोड़ गयी।

श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या का इतिहास (Ram Mandir History)

1528 ई : मुगल बादशाह बाबर के वंशज  मीर बाकी ने अयोध्या में  विवादित जगह पर मस्जिद का निर्माण कराया। हिंदू समर्थक भड़क गए उनका मानना था कि यहां भगवान राम की जन्मभूमि है। हिन्दुओं ने बताया कि मस्जिद में बने तीन गुंबदों में से एक गुंबद के नीचे भगवान राम की  जन्मस्थान की जगह है।
1853-1949: इस विवादित जगह के कारण कई स्थानों पर 1853 में दंगे हुए, जहाँ श्रीराम जन्म भूमि की जगह जहां मस्जिद का निर्माण किया गया।  1859 में अंग्रेजी प्रशासन ने विवादित स्थान के पास बाड़े बंदी कर दी । मुसलमानों को विवादित ढांचे के अंदर और हिंदुओं को बाहर चबूतरे के पास पूजा करने की अनुमति दी गई ।
1949: अयोध्या श्रीराम जन्म भूमि का विवाद तब बढ़ा, जब  23 सितंबर 1949 को विवादित मस्जिद में भगवान श्री राम की मूर्तियां मिलीं। इसे लेकर हिन्दू समुदाय के लोग एतराज करने लगे। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगो ने आरोप  लगाया कि किसी ने यहाँ चुपके से मूर्तियाँ रख दी है। इस कारण दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया।  यूपी सरकार ने मूर्तियों को वहां से हटाने के आदेश दिए। विवाद बढ़ता देखकर सरकार द्वारा इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगा दिया।
1950: फैजाबाद के सिविल कोर्ट में हिन्दू पक्ष द्वारा दो अर्जी दाखिल हुई। इसमें एक तो विवादित भूमि पर रामलला की पूजा की इजाजत देने और दूसरी अर्जी उस स्थल पर मूर्ति रखे जाने की इजाजत पर लगी थी।
1961: यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक मुस्लिम पक्ष द्वारा अर्जी दाखिल की और विवादित भूमि से मूर्तियों को हटाने की मांग की।
1984: 1 फरवरी 1986 में एक याचिका पर फैजाबाद के जिला जज ने हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत दे दी ।
1992:  6 दिसंबर 1992 को वीएचपी और शिवसेना समेत कई हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं इकट्ठे होकर विवादित ढांचे को गिरा दिया। इससे हिन्दू पक्ष व मुस्लिम पक्ष में विवाद बढ़ गया। इसके परिणाम स्वरूप  देशभर में जमकर सांप्रदायिक दंगे हुए और हजारों लोग मारे गए।
2002: गोधरा ट्रेन  हिंदू कार्यकर्ताओं को लेकर अयोध्या जा रही थी। इसी बीच उसमें आग लगा दी गई और सेंकडों लोग मारे गए। इस घटना का तनाव इतना बढ़ा कि गुजरात में  साम्प्रदायिक हिंसा ने विकराल रूप धारण कर लिया इसके  परिणाम स्वरूप  दंगे की आग में लगभग दो हजार से अधिक लोग इस हिंसा के कारण अपनी जान गँवा बैठे।
2010: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले पर विचार करते हुए विवादित भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दे दिया।
2011: अयोध्या विवाद ढांचे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद तीनों पक्ष राजी नहीं हुए और सुप्रीम कोर्ट में रिट लगा दी तो कोर्ट ने रोक लगा दी।
2017: सुप्रीम कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का आदेश किया और बीजेपी के कई बड़े नेताओं पर आपराधिक साजिश और साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप लगे ।
2019: 8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा । इसके बाद 1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट पेश की। इस घटनाक्रम के बाद भी फैसला नहीं हो रहा था तो सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले को लेकर प्रतिदिन सुनवाई होने लगी और 16 अगस्त 2019 को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया।
2019:  09 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने श्रीराम जन्म भूमि के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले के अनुसार 2.77 एकड़ विवादित भूमि हिंदू पक्ष को मिली और मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को मुहैया कराने का आदेश दिया गया।
2020: 25 मार्च 2020 को  28 साल बाद रामलला टेंट से निकलकर मंदिर में विराजमान हुए और इसके बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में भूमि पूजन किया गया।
2023: वर्तमान में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो चुका है। अब  22 जनवरी 2024 को रामलला के भव्य मंदिर का उद्घाटन होगा। इस तरह से वर्षों से चल रहे विवाद का अंत हो जाएगा।

In 2024, the Ayodhya Ram Mandir is scheduled to open. On 23 January, Ayodhya will host the Mandala Utsav

Ayodhya Ram Mandir Opening Date

As of 24 January 2024, tourists will be able to visit the Ayodhya Ram Mandir on the inauguration day. In Ayodhya, the Mandala Utsava will begin on January 23 and last until March 10. It is the day following Lord Sri Rama’s Prana Pratistha (consecration).

This occasion will be marked by abhisheka and several poojas every day. It is during this period that devotees are allowed to visit the Ram temple, according to Sri Vishwaprasanna. Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra is also known as the Ram Mandir in Ayodhya, Uttar Pradesh.

Ayodhya Ram Mandir is being constructed on the site of Ram Janmabhoomi, the birthplace of Hindu deity Lord Rama. The grand opening ceremony of the mandir will be attended by Prime Minister Narendra Modi.

Ayodhya Ram Mandir Timing 2023

Mohan Bhagwat, the head of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), said the Ayodhya Ram Temple will open on January 24. The temple will be open from 7:00 AM to 11:00 AM in the morning, and from 2:00 PM to 6:00 PM in the afternoon.

निष्कर्ष :

आज के आर्टिकल में हमनें अयोध्या में राम मंदिर का के उद्घाटन समारोह (Ayodhya Ram Mandir Opening Date) और मंदिर के बारे में खास जानकारी शेयर की है। हम उम्मीद करतें है कि भगवान राम मंदिर के बारे में सही जानकारी मिली होगी …धन्यवाद

FAQ:

1.  भगवान राम अयोध्या मंदिर का उद्घाटन कब है?

उत्तर  – 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

2. श्री राम मंदिर की ऊंचाई कितनी है?

उत्तर  – 161 फीट।

3. अयोध्या राम मंदिर के वास्तुकार कौन है?

उत्तर  – इस मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं।

4. भगवान राम अयोध्या मंदिर का भूमि – पूजन कब किया गया था?

उत्तर  – 5 अगस्त,2020।

5. भगवान राम अयोध्या मंदिर की प्राण  – प्रतिष्ठा कब होगी?

उत्तर  – 22 जनवरी 2024 को ।

 

अभी हाल ही में लोग क्या सर्च कर रहें है?

  • 22 जनवरी 2024 को क्यों हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
  • 22 January 2024 को Ayodhya में वो होगा जो कभी न देखा होगा
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