किस दुर्ग में राजस्थान का पहला जल जौहर हुआ था?
किस दुर्ग में राजस्थान का पहला जल जौहर हुआ था? सही उत्तर – ✅ रणथम्भौर दुर्ग में राजस्थान का पहला और अंतिम जल जौहर हुआ था
किस दुर्ग में राजस्थान का पहला जल जौहर हुआ था? सही उत्तर – ✅ रणथम्भौर दुर्ग में राजस्थान का पहला और अंतिम जल जौहर हुआ था
16 युद्धों का विजेता किसे कहा जाता है? सही उत्तर – ✅चौहान वंश में रणथम्भोर के प्रतापी शासक हम्मीर देव चौहान को 16 युद्धों का विजेता कहा जाता है, सत्रहवें युद्ध में हम्मीर देव अलाउद्दीन खिलज़ी से हार गए थे
देवघोष और धर्मघोष किस चौहान शासक के दरबारी कवि थे? सही उत्तर – अजमेर चोहान शासक अर्णोराज के दरबार में देवघोष और धर्मघोष प्रकांड दरबारी कवि थे
सास- बहु का मंदिर कहां स्थित है? उत्तर – सास- बहु/सहस्त्रबाहु का मंदिर नागदा(उदयपुर) में है। इस मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार काल में हुआ। यहाँ दो वैष्णव मंदिर है इनमें बड़ा मंदिर ‘सास का मंदिर’ और छोटा मंदिर ‘बहु का मंदिर’ है
विग्रहराज चतुर्थ को कवि बांधव की उपाधि किसने दी थी? उत्तर – विग्रहराज चतुर्थ(बीसलदेव) को कवि बांधव की उपाधि जयानक भट्ट ने दी
बादला – Badla बादला जिंक का बना हुआ एक पात्र होता है जिसमें पानी ठण्डा रहता है । बादला पर कपड़े व चमड़े की परत होती है । बादला जोधपुर का प्रसिद्ध है।
मसूरिया साड़ी – Masuriya Saree मसूरिया / कोटा डोरिया साड़ी/ मांगरोल कला – कैथून मसूरिया साड़ी को राजस्थान की बनारस साड़ी कहते है । यह साड़ी सूती धागे + रेशमी धागे + जरी से मिलकर बनती है । मसूरिया साड़ी को बनाने के लिए झाला जालिम सिंह ने मैसूर से महमूद मंसूर नामक बुनकर बुलाया था। …
पीला पोमचा – शेखावटी पीला का रंग केसरिया तथा पोमचा का रंग पीला होता है। पीला बच्चे के जन्म के अवसर पर माँ द्वारा ओढ़ा जाता है, प्रथम बार पीला पीहर पक्ष द्वारा लाया जाता है। है पीला को ओढ़कर जलवा पूजन/ कुआं पूजन किया जाता है। पीला वंश वृद्धि का प्रतीक है। पीला पोमचा …
सांगानेरी प्रिंटिंग – Sanganeri Print यहाँ की ठप्पा प्रिंटिंग प्रसिद्ध है । इस प्रिंटिंग में प्राकृतिक रंगों का सर्वाधिक प्रयोग होता है। सांगानेर प्रिंटिंग में प्रिंट करके कपड़ों को नदी में धोया जाता है। इस प्रिंटिंग के छीपे नामदेवी छीपे के नाम से जाने जाते है । सांगानेरी प्रिंटिंग को विदेशों में लोकप्रिय बनाने का …
बगरू प्रिंटिंग – इस प्रिंटिंग में लाल व काले रंग की छपाई होती है । बगरू प्रिंटिंग में रासायनिक रंगों का प्रयोग होता है। इसके कपड़ों पर पशु-पक्षियों का चित्रण भी मिलता है । यहाँ की ठप्पा प्रिंटिंग प्रसिद्ध है इस प्रिंटिंग का आँगन हरा होता है । बगरू प्रिंटिंग के लिए 2009 ई. में …