राजस्थान के मुख्य सचिव – Chief Secretary of Rajasthan || राजस्थान सचिवालय

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के मुख्य सचिव (Rajasthan ke Mukhya Sachiv) के बारे में पूरी जानकारी पढेंगे, इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्यों को भी पढेंगे। Chief Secretary of Rajasthan, Rajasthan ke mukhya sachiv, Chief Secretary of Rajasthan in hindi, मुख्य सचिव, Chief Secretary, राजस्थान का मुख्य सचिव

राजस्थान सचिवालय या मुख्य सचिव

राजस्थान के मुख्य सचिव

सचिवालय – राज्य के प्रशासनिक व राजनैतिक अधिकारी जिस स्थान पर बैठ कर नीतियां/कानून का निर्धारण करते हैं वह सचिवालय कहलाता है।

सचिवालय विभिन्न विभागों का सामूहिक रूप होता है। राज्य शासन के पिरामिड के शीर्ष पर है। राज्य सरकार में विभागों के प्रमुख राजनैतिक स्तर पर मंत्री होते है जबकि प्रशासनिक स्तर पर सचिव होते हैं। मुख्य सचिव पूरे राज्य सचिवालय का प्रधान होता हैं।

कौन है सुधांश पंत?

1991 बैच के आईएएस अधिकारी सुधांश पंत राजस्थान के अगले मुख्य सचिव होंगे। पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। पंत 1993 में जयपुर में एसडीएम रहे हैं। उसके बाद जैसलमेर कलक्टर रहे। झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जयपुर में कलक्टर रह चुके हैं सुधांश पंत। वे जेडीए और कृषि विभाग के कमिश्नर भी रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग दिल्ली में संयुक्त सचिव रहे हैं। राजस्थान सरकार में वन पर्यवारण विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे हैं। राजस्थान के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं। अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव के पद पर काम कर रहे हैं

Note : राजस्थान के वर्तमान मुख्य सचिव ‘सुधांश पंत’ है।

  • लोकसेवकों का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी – शासन सचिव है।
  • सचिवालय को राज्य सरकार का हृदय माना जाता है।
  • राज्य में राजस्थान शासन का सर्वोच्च कार्यालय है।
  • जिसका प्रधान मुख्य सचिव होता है।
  • 13 अप्रैल 1949 में सचिवालय की स्थापना की गई।
  • इसका मुख्यालय – जयपुर
  • लार्ड वेलेजली ने 1798 में केंद्रीय सचिवालय का पुनर्गठन कर मुख्य सचिव का पद सृजित कर देश का प्रथम मुख्य सचिव जाॅर्ज हिलेरी बालो को बनाया।
  • राज्य सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य सचिव तथा राजनीतिक प्रमुख मुख्यमंत्री होता है।
  • राजस्थान सचिवालय में विभागों की संख्या 50 से 60 के मध्य है।

राज्य सचिवालय संरचना –

राज्य सचिवालय संरचना

सामान्यतः राज्यों में 15 से 35 के मध्य विभाग होते हैं।

सचिवालय का संगठनात्मक ढांचा
राजनीतिक स्तरप्रशासनिक स्तर
मुख्यमंत्रीमुख्य सचिव
केबिनेट स्तर के मंत्रीअतिरिक्त मुख्य सचिव
राज्यमंत्रीविभागीय सचिव (शासन सचिव)
उपमंत्रीअतिरिक्त सचिव/विशेष सचिव, उप सचिव, सहायक सचिव/अनुभाग अधिकारी, सहायक अधिकारी, श्रेणी लिपिक, निम्न श्रेणी लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।

नोट यह संरचना प्रत्येक विभाग में पायी जाती है।

सचिवालय के कार्य

  • सचिवालय स्टाफ एजेंसी है प्रमुख कार्य – मंत्री को सलाह देना
  • राज्य सरकार की नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार करना तथा उसके मध्य समन्वय स्थापित करना।
  • सचिवालय मंत्रियों को सलाह देने के रूप में स्टाॅफ एजेंसी के रूप में काम करता है।
  • राज्य बजट तैयार करना तथा सार्वजनिक व्यय पर नियंत्रण रखना।
  • केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के मध्य सम्पर्क स्थापित करते है।
  • नवीन योजनाएं तैयार करना या स्वीकार करना और प्रचलित योजनाओं में महत्त्वपूर्ण संशोधन करना।
  • विधान, नियम तथा विनियम बनाना।
  • क्षेत्र में क्रियान्वित करने वाले संगठनों (एजेसियों) के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर ध्यान देना तथा नीतियों के कार्यान्वयन के परिणामों की समीक्षा करना।
  • मंत्रियों को राज्य विधानमंडल से जुङी जिम्मेदारियों के निर्वहन में सहायता प्रदान करना।
  • राज्य सरकार के सूचना भंडार के रूप में कार्य करना।
  • राज्य की वित्तीय स्थित में सुधार लाने की संभावनाओं का पता लगाना।
  • सर्वसाधारण की शिकायतें, अभ्यावेदन और अपीलें प्राप्त कर उनका समाधान और निराकरण करना।
  • सेवा संबंधी नियमों और उनमें संशोधनों का अनुमोदन करना।

मुख्य सचिव

नियुक्ति – मुख्यमंत्री के द्वारा
राज्य के मुख्य सचिव का चयन मुख्यमंत्री के द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेेवा के सुपरटाइम स्केल प्राप्त अधिकारियों में से किया जाता है।

मुख्य सचिव का चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है –

  1. प्रशासनिक पदों पर कार्य का विशद अनुभव हो।
  2. असाधारण प्रशासनिक प्रतिष्ठा, आकर्षक व्यक्तित्व तथा उपलब्धियों से भरा सेवाकाल हो।
  3. मुख्यमंत्री का विश्वासपात्र अधिकारी हो।
  4. वरीयता।
  • मुख्य सचिव राज्य सचिवालय का शासकीय प्रधान होता है। वह राज्य प्रशासन का प्रशासनिक प्रमुख होता है तथा राज्य के प्रशासनिक पदानुक्रम में उसका सर्वोच्च स्थान है।
  • मुख्यमंत्री के सपनों को साकार रूप देने वाला शिल्पी मुख्य सचिव होता है। मुख्य सचिव राज्य प्रशासन का किंग पिन है जो नीति निर्माण, नियंत्रण, समन्वय तथा प्रशासकीय नेतृत्व में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन करता है।
  • मुख्य सचिव सचिवों का प्रमुख है तथा सचिवालय के सभी विभाग उसके नियंत्रण में होते हैं।
  • वह इस पद का सृजन 1799 में लार्ड वेलेजली ने किया था। जी.एस. बार्लो पहले सचिव बनाये गये।
  • 1843 में एलनबरो के द्वारा राज्य सचिवालय की स्थापना की गई।
  • 1858 तक यह पद गवर्नर जनरल के अधीन रहा बाद में इसे राज्यों के अधीन कर दिया गया।
  • प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश पर वर्ष 1973 में इस पद का मानकीकरण भारत सरकार के सचिव के समान किया गया। मुख्य सचिव पद को कार्यकाल प्रणाली से अलग रखा गया है अर्थात् इस पद का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है प्रशासनिक सुधार आयोग ने मुख्य सचिव के कार्यकाल तीन से चार वर्ष रखे जाने की सिफारिश की थी।
  • राजस्थान में शासन सचिवालय की शुरूआत 1949 में जयपुर के भगवन्त दास बैरक्स सी स्कीम में की गई।
  • राजस्थान के प्रथम मुख्य सचिव के. के. राधाकृष्णन (अप्रैल, 1949) बने, जो सर्वाधिक लम्बे समय तक पद पर रहें।
  • 1956 से पूर्व मुख्य सचिव की नियुक्ति केन्द्र सरकार के द्वारा की जाती थी।
  • भगवतसिंह मेहता (1958-64) ने प्रकोष्ठ व्यवस्था लागू की। इसके अन्तर्गत विभागों को प्रकोष्ठों में बांटा जाता है और प्रत्येक प्रकोष्ठ पर एक अधिकारी नियुक्त किया जाता है, और उसे प्रतिविधान शक्तियाँ दी जाती है ताकि वो समस्याओं का समाधान कर सकें।
  • 1958 में भगवत सिंह मेहता राजस्थान केडर के ही अधिकारी मुख्य सचिव बने।
  • विपिन बिहारी लाल माथुर मार्च, 1986 से जनवरी, 1992 तक मुख्य सचिव रहे। जिन्होंने 4 मुख्यमंत्रियों के साथ कार्य किया।
    1. हरदेव जोशी, 2. शिवचरण माथुर, 3. हरदेव जोशी, 4. भैरूसिंह शेखावत।
  • राजस्थान की प्रथम महिला मुख्य सचिव श्रीमती कुशलसिंह 2009 से 2011 के मध्य रही।
  • वर्तमान में राजस्थान के मुख्य सचिव उषा शर्मा है।

मुख्य सचिव के कार्य

  • मुख्यमंत्री का प्रमुख परामर्शदाता हैं अर्थात् राज्य सरकार के विचारतंत्र के रूप में कार्य करता है।
  • मंत्रीमंडल के सचिव के रूप में कार्य करता है।
  • वह संपूर्ण सचिवालय का सामान्य निरीक्षण एवं नियंत्रण करता है।
  • मंत्रिमण्डल सचिव के रूप में मंत्रीमण्डल को परामर्श देता है। तथा नागरिक सेवाओं का प्रमुख होता है – 1. मंत्रिमण्डल की बैठकों की कार्य सूची बनाता है।
  • मुख्य सचिव समन्वयक के रूप में अंतर्विभागीय समन्वयत सुनिश्चित करता है तथा सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करता है। संभागीय आयुक्त, जिलाधीशों और जिला प्रशासन के विभागाध्यक्षों की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा समन्व्य स्थापित करता है।
  • राज्य सरकार की नीतियों को धरातलीय स्वरूप प्रदान करता है।
  • वह भारत सरकार से समस्त महत्त्वपूर्ण एवं गोपनीय सूचनाएँ प्राप्त करता है उन्हें मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करता है।
  • मुख्य सचिव राज्य सरकार, केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों के मध्य संपर्क और संवाद का मुख्य माध्यम होता है।
  • संकटकाल के समय वह राज्य में ’नर्वसिस्टम’ की भाँति कार्य करता है।
  • राष्ट्रपति शासन लागू होने की स्थिति में वह सम्पूर्ण राज्य प्रशासन के संचालन के लिए उत्तरदायी होता है।
  • मुख्य सचिव पूरे राज्य सचिवालय को नियंत्रित तथा इसका कुशलतापूर्वक पर्यवेक्षक करता है।
  • मुख्य सचिव क्षेत्रीय परिषद में अपनी बारी के आधार पर सचिव के रूप में कार्य करता है।
  • लोक सेवा के रूप में वह राज्य के वरिष्ठ लोक सेवकों की नियुक्ति स्थानांतरण तथा पदोन्नति से जुङे मामले देखता है। मान्य लोक सेवा का मनोबल को बनाए रखता है।
  • कुछ विभागों के प्रमुख के रूप में।
    मुख्य सचिव कुछ विभागों का प्रमुख होता है, किन्तु सभी राज्यों में एकसमान स्थिति नहीं है। राजस्थान में – 1. सामान्य प्रशासन विभाग, 2. प्रशासनिक सुधार विभाग, 3. नियोजन विभाग।
  • संकटकालीन प्रशासन के रूप में
    मुख्य सचिव बाढ़, सूखा, साम्प्रदायिक दंगों और अन्य आपदाओं के समय अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • मुख्य सचिव अवशिष्ट वसियतदार है।

 

राजस्थान के मुख्य सचिवों की सूची

सचिव

कार्यकाल

श्री के. राधाकृष्णन

13 अप्रैल 1949 - 2 मई 1950

वी. नारायणन

2 मई 1950 - 1 सितंबर 1950

के राधाकृष्णन

1 सितंबर 1950 - 31 जनवरी 1951

दप शिवेश्वरकर

8 फरवरी 1951 - 16 फरवरी 1953

बी.जी. राव

16 फरवरी 1953 - 30 दिसम्बर 1954

कृष्ण पुरी

30 दिसंबर 1954 - 12 जनवरी 1957

के.एन. सुब्रमण्यम

11 मार्च 1957 - 6 मई 1958

भगवत सिंह मेहता

9 मई 1958 - 26 सितंबर 1964

सांवल दान उज्जवल

26 सितंबर 1964 - 16 जनवरी 1965

भगवत सिंह मेहता

16 जनवरी 1965 - 29 अक्टूबर 1966

के.पी. यू मेनन

29 अक्टूबर 1966 - 22 अक्टूबर 1968

आरडी माथुर

22 अक्टूबर 1968 - 16 मई 1969

जोरावर सिंह झाला

 17 मई 1969 - 9 अगस्त 1971

सुंदर लाल खुराना

 9 अगस्त 1971 - 23 जून 1975

मोहन मुखर्जी

7 जुलाई 1975 - 1 मई 1977

कैलाश चंद सैनी

4 मई 1977 - 22 जून 1977

मोहन मुखर्जी

22 जून 1977 - 31 अक्टूबर 1977

गोपाल कृष्ण भनोट

28 नवंबर 1977 - 29 दिसंबर 1980

मदन मोहन किशन वली

29 दिसंबर 1980 - 20 फरवरी 1984

आनंद मोहन लाल

21 फरवरी 1984 - 21 जुलाई 1985

नरेश चंद्र

 22 जुलाई 1985 - 9 मार्च 1986

विपिन बिहारी लाल माथुर

10 मार्च 1986 - 31 जनवरी 1992

टी वी रामनन

 31 जनवरी 1992 - 31 अगस्त 1993

गोविंद जी मिश्रा

31 अगस्त 1993 - 28 जनवरी 1994

एच.एम. माथुर

28 जनवरी 1994 - 2 फरवरी 1994

मीता लाल मेहता

2 फरवरी 1994 - 31 दिसंबर 1997

अरुण कुमार

1 जनवरी 1998 - 31 दिसंबर 1999

इंदरजीत खन्ना

1 जनवरी 2000 - 26 दिसंबर 2002

आर.के. नायर

26 दिसंबर 2002 - 28 फरवरी 2005

अनिल वैश्य

28 फरवरी 2005 - 30 जून 2007

डी. सी. सामंत

30 जून 2007 - 27 फरवरी 2009

श्रीमती कुशाल सिंह

27 फरवरी 2009 - 31 अक्टूबर 2009

टी.श्रीनिवासन

1 नवंबर 2009 - 31 अगस्त 2010

सलाउद्दीन अहमद

31 अगस्त 2010 - 28 फरवरी 2012

सी के मैथ्यू

30 फरवरी 2012 - 13 दिसंबर 2013

राजीव महर्षि

22 दिसंबर 2013 - 28 अक्टूबर 2014

सीएस राजन

31 अक्टूबर 2014 - 30 जून 2016

ओपी मीणा

30 जून 2016 - 30 जून 2017

अशोक जैन

30 जून 2017 - 30 दिसंबर 2017

एनसी गोयल (दूसरा न्यूनतम कार्य दिवस )

30 दिसंबर 2017 - 30 अप्रैल 2018

डीबी गुप्ता

30 अप्रैल 2018 - 2 जुलाई 2020

राजीव स्वरूप (न्यूनतम कार्य दिवस)

2 जुलाई 2020 - 31 अक्टूबर 2020}

श्री निरंजन कुमार आर्य

1 नवंबर 2020 - 31 जनवरी 2022

श्रीमती उषा शर्मा (द्वितीय महिला मुख्य सचिव)

31 जनवरी 2022 (उपस्थित)

सचिवालय में सचिवों का वरियता क्रम –

1. मुख्य सचिव
2. अतिरिक्त मुख्य सचिव
3. प्रमुख शासन सचिव
4. सचिव
5. विशिष्ट सचिव
6. संयुक्त सचिव
7. उप सचिव
8. सहायक सचिव
9. कार्यालय अधिक्षक
10. सहायक कार्यालय अधिक्षक
11. सहायक प्रशासनिक अधिकारी
12. L.D.C./U.D.C.
13. स्टेनों/टाइपिस्ट
14. चपरासी

अधीनस्थ सेवाएं –

1. I.A.S.
2. R.A.S.
3. I.F.S. (इंडियन फाॅरेस्ट सर्विस)
4. R.H.J.S. (राजस्थान हायर जूडिसियस सर्विसेज)
5. अन्य विशिष्ट सेवाएं।

महत्त्वपूर्ण तथ्य –

  • राजस्थान के प्रथम मुख्य सचिव – के. राधाकृष्णन (13 अप्रैल 1949)
  • राज्य की प्रथम महिला मुख्य सचिव – श्रीमती कुशल सिंह (2009)
  • प्रथम अनुसूचित जनजाति के मुख्य सचिव – ओपी मीणा
  • प्रथम दलित मुख्य सचिव – निरंजन आर्य
  • सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्य सचिव – निहाल चंद गोयल
  • राज्य में सर्वाधिक कार्यकाल व पदम श्री प्रान्त वाला मुख्य सचिव – भगवंत सिंह मेहता
  • सर्वाधिक मुख्यमंत्रियों के काल में रहने वाले मुख्य सचिव – श्री विपिन बिहारी लाल माथुर।

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