स्टर्नबर्ग का त्रितंत्र बुद्धि सिद्धांत – Sternberg Ka Tritantra Buddhi Siddhant

आज के आर्टिकल में हम बुद्धि के स्टर्नबर्ग का त्रितंत्र बुद्धि सिद्धांत (Sternberg Ka Tritantra Buddhi Siddhant) पढेंगे, इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को सरल तरीके से समझेंगे।

स्टर्नबर्ग त्रिबुद्धि सिद्धांत या बुद्धि का त्रितंत्र सिद्धांत बुद्धि का नवीन सिद्धांत माना जाता है। स्टर्नबर्ग का त्रिबुद्धि सिद्धांत मानव बुद्धि को एक ही क्षमता के बजाय अलग-अलग घटकों में तोड़कर समझाने का प्रयास करता है।

स्टर्नबर्ग का त्रितंत्र का सिद्धांत

Sternberg Ka Tritantra Buddhi Siddhant

अमेरिकी मनोवैज्ञानिक स्टर्नबर्ग के त्रिकोणीय या त्रिचापीय सिद्धांत में तीन पहलू या उप प्रकार शामिल हैं।

परिभाषा :

स्टर्नबर्ग के अनुसार, ’बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति अपने वातावरण के प्रति अनुकूलित होता है, अपने तथा अपने समाज और संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वातावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है और उन्हें परिवर्तित करता है।’

रॉबर्ट जे स्टर्नवर्ग ने मनुष्य की बुद्धि पर शोध किया। इन्होंने बतया कि यह जरुरी नहीं है कि व्यक्ति का IQ Level कम हो तो वह अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है । और यह भी जरूरी नहीं है कि जिस व्यक्ति का IQ Level बेहतर हो वह निश्चित ही अपने जीवन में सफल होगा। प्रत्येक व्यक्ति में तीन प्रकार की बुद्धि होती है। तीन प्रकार में से वह किसी भी प्रकार की बुद्धि के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। तीन बुद्धि के वर्णन के कारण स्टर्नबर्ग सिद्धांत का नाम त्रितंत्र सिद्धांत (Sternberg’s triarchic Theory of Intelligence) कहलाया।

स्टर्नबर्ग के त्रिचापीय सिद्धांत सोपान –

इन्होने जीन पियाजे से प्रभावित स्टर्नबर्ग ने बुद्धि के तीन तंत्रों का प्रतिपादन किया जो निम्न प्रकार से है –

(1) सृजनात्मक या अनुभवात्मक बुद्धि –

इस बुद्धि में दो तत्व होते है –

  • नवीन
  • स्वचालन

पूर्व अनुभव तथा पूर्व ज्ञान से विकसित होने वाली इस बुद्धि को अनुभवजन्य बुद्धि भी कहा जाता है। यह बुद्धि व्यक्ति में नवाचार तथा मौलिकता को बढ़ावा देती है जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति जीवन में नए नियमों व सिद्धांतों का निर्माण कर पाने में सक्षम हो पाता है।

(2) व्यवहारात्मक या संदर्भात्मक बुद्धि –

इस बुद्धि में तीन तत्व होते है –

  • अनुकूलन
  • चालन
  • आकार देना

यह एक प्रकार की व्यवहारात्मक बुद्धि है जो कि व्यक्ति की सूझबूझ तथा व्यवहार में दिखाई देती है। यह व्यक्ति के वातावरण के साथ समायोजन में सहायक होती है।

(3) विश्लेषणात्मक या स्थैतिक या घटकीय बुद्धि –

इस बुद्धि में तीन तत्व होते है –

  • मेरा घटक
  • प्रदर्शन घटक
  • ज्ञान अधिग्रहण घटक

यह बुद्धि विश्लेषणात्मक कार्यों के संपादन में सहयोग करती है। इसकी सहायता से व्यक्ति तर्क-वितर्क, वाद-विवाद, समस्याओं के समाधान व कार्य विभाजन जैसे कार्यों को कर पाने में सक्षम होता है।

स्टर्नबर्ग का त्रिचापीय सिद्धांत बुद्धि को समझने के लिए सूचना प्रक्रमण उपागम के अंतर्गत आने वाले सिद्धांतों का एक प्रतिनिधि सिद्धांत है।

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