आज के आर्टिकल में हम सौर मंडल और ग्रहों के बारे (Planets Name in Hindi) में जानने वाले है। सौर मंडल से जुडी बहुत सारी रहस्यीमयी बातें हम आज जानने वाले हैं। हमारे ब्रह्माण्ड का विस्तार आज तक कोई नहीं जान पाया है। हालाँकि वैज्ञानिक अपने शोध द्वारा अनुमान जरूर लगाते है। ब्रह्माण्ड का रहस्य अद्भुत है।
ग्रहों की पूरी जानकारी – Planets Name in Hindi
सौर मंडल क्या है – Saur Mandal Kya Hai
- सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, उपग्रहों, धूमकेतुओं, उल्काओं तथा अन्य आकाशिय पिण्डों के समूह को सौर मंडल (Saur Mandal) कहते हैं।
- सौर मंडल को सौर परिवार (Solar System in Hindi) भी कहते हैं।
- सौरमंडल में एक तारा, आठ ग्रह, इन आठ ग्रहों के 166 उपग्रह है।
सौर मंडल की खोज किसने की थी – Saur Mandal ki Khoj Kisne ki
- सौरमण्डल की खोज सबसे पहले निकोलस कोपरनिकस ने 1943 में की थी। जिन्होंने बताया कि सौरमण्डल के केन्द्र में सूर्य है एवं सौरमण्डल की उत्पत्ति गैस और धूल की घूमती हुई निहारिका से हुई है। सौरमण्डल के समस्त ऊर्जा का स्रोत भी सूर्य है।
- 17 वीं शताब्दी में गैलीलियो गैलिली एवं जोहान्स केप्लर ने खोजा था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।
- सौरमंडल की उत्पत्ति 5 बिलियन साल पहले हुई थी। हमारे सौरमंडल में अब तक 796354 ग्रह, 575 उपग्रह, 4143 धूमकेतु की खोज हो चुकी है।
सूर्य क्या है तारा या ग्रह – Surya Kya Hai Grah Ya Tara
- एक तारा – सूर्य
आठ ग्रह – Planets in Hindi
सौर मंडल में कितने ग्रह है – Saur Mandal Mein Kitne Grah Hai
![]() | बुध (Budh) | Mercury (मर्करी) |
![]() | शुक्र (Shukra) | Venus (वेनस) |
![]() | पृथ्वी (Prithvi) | Earth (अर्थ) |
![]() | मंगल (Mangal) | Mars (मार्स) |
![]() | बृहस्पति (Brahspati) | Jupiter (जुपिटर) |
![]() | शनि (Shani) | Saturn (सैटर्न) |
![]() | अरुण (Arun) | Uranus (युरेनस) |
![]() | वरुण (Varun) | Neptune (नेप्च्यून) |
ग्रहों की पूरी जानकारी – Planets Names
सौर मंडल में आठ ग्रह(8 Planets) है
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
- बृहस्पति
- शनि
- अरुण
- वरुण।
सूर्य – Sun
- सौरमंडल का मुखिया एवं जन्मदाता सूर्य एक तारा है, जो स्वयं अपने प्रकाश से प्रकाशवान है एवं सौरमण्डल के समस्त ग्रह व उपग्रह इसी के प्रकाश से प्रकाशवान होते है।
- सूर्य का व्यास 13,90,000 किलोमीटर है।
- सूर्य पृथ्वी से 109 गुना बङा है।
- सूर्य एक गैसीय गोला है, जिसमें हाइड्रोजन 71 प्रतिशत, हीलियम 26.5 प्रतिशत एवं अन्य तत्त्व 2.5 प्रतिशत विद्यमान हैं।
- सूर्य की आकर्षण शक्ति पृथ्वी की तुलना में 28 गुना अधिक है। सूर्य की दीप्तिमान सतही वाले भाग को ’प्रकाशमण्डल’ कहा जाता है तथा ऊपर की सतह को ’वर्णमण्डल’ कहते हैं। इसकी सतह पर जो काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, उन्हें सूर्य कलंक/सौर कलंक कहा जाता है, जो सूर्य के सबसे ठण्डे भाग में स्थित है। सूर्य का बाह्य भाग जो सूर्यग्रहण के समय दिखाई देता है, उसे किरीट/प्रभामण्डल कहा जाता है।
- सूर्य का केन्द्रीय भाग ’क्रोड’ कहलाता है। जिसका ताप 1.5 x 107C होता है। सूर्य के बाहरी सतह का तापमान 6000oC है। इसके वर्णमण्डल वाले भाग का तापमान 32400oC जबकि क्रोड वाले भाग का तापमान 1,50,00,000oC है।
- सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण सभी ग्रह टिके हुए है।
- सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करता है।
- सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है इसका मध्य भाग 25 दिन में व धुव्रीय भाग 35 दिनों में एक घूर्णन करता है।
- इसका परिक्रमण काल 25 करोङ वर्ष है। जिसे ’ब्रह्माण्ड वर्ष’ कहते हैं।
- सूर्य 251 किमी/प्रति सेंकेड से परिक्रमा करता है।
- सूर्य अपनी जगह पर नहीं घूमता।
विशेष :
दुरी के आधार पर ग्रहों का आरोही क्रम – बुध > शुक्र > पृथ्वी > मंगल > बृहस्पति > शनि > अरुण > वरुण
द्रव्यमान के आधार पर ग्रहों का आरोही क्रम – बुध > मंगल > शुक्र > पृथ्वी > अरुण > वरुण > शनि > बृहस्पति
सौर मंडल के ग्रह – Saur Mandal ke Graha
बुध ग्रह – Mercury Planet in Hindi
- बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक व पहले स्थान पर स्थित है।
- बुध ग्रह की सूर्य से दूरी 47.362 मिलियन किमी. है।
- इसका व्यास 4880 किलोमीटर है।
- बुध ग्रह अपनी कक्ष में 0.1o झुका हुआ है।
- बुध ग्रह को सूर्य का चक्कर लगाने में 88 दिन का समय लगता है। जो सभी ग्रह से बहुत तेज है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 172404 Km/h की रफ्तार से करता है।
- अपने कक्ष का चक्कर लगाने में 58.65 दिन लगते है। अपने कक्ष पर 10.83 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- इसका सबसे विशिष्ट गुण है, कि इसमें चुम्बकीय क्षेत्र का पाया जाना है। यह सबसे तीव्र गति से चक्कर लगाता है इसलिए सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में कम समय लगता है। यहाँ दिन अत्यधिक गर्म रातें अत्यधिक ठण्डी होती है।
सबसे छोटा ग्रह कौन सा है – Sabse Chhota Grah
बुध ग्रह सबसे छोटा ग्रह है।
- बुध ग्रह को सुख समृद्धि एवं सम्पन्नता का देवता भी कहा जाता है इसका कोई अपना उपग्रह नहीं है। इसे मर्करी भी कहा जाता है।
सूर्य से सबसे नजदीक स्थित होने के कारण यह सूर्य उदय से दो घण्टे पहले दिखाई देता है। - बुध ग्रह पर ऑक्सीजन, सोडियम, हाइड्रोजन, हीलियम, पोटेशियम आदि गैसें पाई जाती है।
- बुध का एक दिन का तापमान 450oC तक पहुँचता है, जबकि रात में 176oC तक रहता है।
- बुध ग्रह को सबसे पहले गैलीलियो गैलिली ने अपने टेलीस्कोप देखा था।
- सूर्य से बुध ग्रह से तीन गुना बङा है।
- पृथ्वी के 365 दिन के बराबर बुध ग्रह के 7 दिन होते है।
- बुध ग्रह की तीन अंदरूनी परतें है।
शुक्र ग्रह – Venus Planet in Hindi
- शुक्र ग्रह सूर्य से दूसरे स्थान पर स्थित है।
- यह पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह है।
- शुक्र ग्रह की सूर्य से दूरी 108.03 मिलियन किमी. है।
- इसका व्यास 12092 किलोमीटर है।
- शुक्र ग्रह को सूर्य का पूरा चक्र लगाने में 224.7 दिन लगते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 126108 Km/h की रफ्तार से करता है।
- अपने कक्ष का चक्कर लगाने में 243 दिन लगते है। अपने कक्ष पर 6.52 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- इस ग्रह को सुन्दरता का देवता, वीनस देवी (यूरोपीय लोग), भौंर का तारा व साँझ का तारा कहा जाता है।
किस ग्रह को पृथ्वी के जुड़वा ग्रह के नाम से जाना जाता है ?
आकार, व्यास एवं घनत्व में पृथ्वी के समान होने के कारण शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुङवा बहन कहा जाता है।
सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह कौन सा है – Saurmandal ka Sabse Garm Grah
शुक्र ग्रह पर 96 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा है, इसी कारण शुक्र ग्रह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
- शुक्र ग्रह पर बहुत-सी मात्रा में ज्वालामुखी है।
- इस ग्रह का तापमान 462oC तक पहुँचता है।
- शुक्र ग्रह अपनी कक्ष पर 177oC झुका हुआ है। जो सभी ग्रह में सबसे ज्यादा है।
- शुक्र ग्रह में कुल 4 अंदरूनी परतें है।
- शुक्र ग्रह को पहली बार 1610 में गैलीलियो गैलिली ने अपने टेलीस्कोप से देखा था।
- यह ग्रह सबसे गर्म ग्रह है, इस ग्रह पर दिन व रात का तापमान एक समान रहता है। इस ग्रह पर कार्बनडाइऑक्साइड की इतनी मोटी परत है कि सूर्य की गर्मी इस ग्रह पर पङती है लेकिन यह गर्मी अंतरिक्ष में नहीं जाती।
- शुक्र ग्रह अन्य ग्रहों से उल्टी दिशा में घूमता है अर्थात् यह पूर्व से पश्चिम की ओर चक्कर लगाता है, इस ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में व सूर्यास्त पूर्व दिशा में होता है।
पृथ्वी ग्रह – Earth Planet in Hindi
- पृथ्वी सूर्य से तीसरे स्थान पर आती है।
- पृथ्वी की सूर्य से दूरी 151.87 मिलियन किमी. है।
- इसका व्यास 12742 किलोमीटर है।
- पृथ्वी को सूर्य का एक चक्र लगाने में 365 1⁄4 दिन लगते है, जिसे ’वार्षिक गति’ कहते हैं। पूरे ब्रह्मांड में यह एकमात्र ग्रह है, जहाँ जीवन उपस्थित है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 107244 Km/h की रफ्तार से करती है।
- पृथ्वी अपने कक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 Km/h की चाल 23 घंटे 56 मिनट 4 सैकण्ड में एक पूरा चक्कर लगाती है, जिसे पृथ्वी की घूर्णन गति/दैनिक गति कहते हैं।
- पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगा समय ’सौर वर्ष’ कहलाता है। प्रत्येक सौर वर्ष में लगभग 6 घंटे का समय बढ़ जाता है, जिससे हर चौथे वर्ष में एक लीप वर्ष आता है, जिसमें वर्ष 366 दिन का होता है व फरवरी 28 दिन के स्थान पर 29 दिन की होती है।
- पृथ्वी पर 77 प्रतिशत नाइट्रोजन, 21 ऑक्सीजन और कुछ मात्रा में आयरन और कार्बन डाइऑक्साइड आदि गैसें स्थित है।
नीला ग्रह किसे कहते हैं – Neela Grah Kise Kahate Hain
पृथ्वी को धरातलीय ग्रह/नीला ग्रह एवं जल ग्रह भी कहा जाता है, क्योंकि इसके 71 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है। जिसमें से 70 प्रतिशत समुद्री जल एवं सतही जल 1 प्रतिशत है।
- आकार व बनावट की दृष्टि से पृथ्वी ’शुक्र ग्रह’ के समान है और पृथ्वी का उपग्रह चन्द्रमा है, जिसको जीवाश्म उपग्रह भी कहते है।
- इसका तापमान 56.7oC से 89.2oC है।
- पृथ्वी अपनी कक्ष पर 23.45o झुकी हुई है।
- पृथ्वी के वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा नाइट्रोजन गैस 78.03 प्रतिशत, ऑक्सीजन 20.8 प्रतिशत, कार्बन-डाई-ऑक्साइड 0.3-0.4 प्रतिशत होती है। पृथ्वी के वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पाई जाने वाली अक्रिय गैस ’ऑर्गन’ होती है।
- भूमध्य रेखा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान न्यूनतम होता है, जिसके कारण वस्तु का भार भी न्यूनतम होता है, जबकि ध्रुवों पर अधिकतम होता है इसीलिए भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का उछाल अधिकतम होता है, जबकि ध्रुवों पर न्यूनतम होता है।
- पृथ्वी की कुल 5 अंदरूनी परतें है।
- चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी का 1/6 भाग होने के कारण यहाँ वस्तु का भार भी 1/6 भाग होता है, यहाँ वायुमण्डल न होने के कारण गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी से 6 गुना कम लगता है। लेकिन उछाल पृथ्वी का 6 गुना अधिक होता है।
मंगल ग्रह – Mars Planet in Hindi
- मंगल ग्रह सूर्य से चौथे स्थान पर आता है।
- मंगल ग्रह की सूर्य से दूरी 250.49 मिलियन किमी. है।
- इसका व्यास 6794 किलोमीटर है।
- मंगल ग्रह को लाल ग्रह तथा देवताओं का ग्रह भी कहा जाता है।
- मंगल ग्रह को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 1 साल 322 दिन लगते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 86868 Km/h की रफ्तार से करता है।
- इस ग्रह को अपने अक्ष पर घूमने में 24 घंटे 39 मिनिट लगते है। अपने कक्ष पर 866 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- मंगल ग्रह के अपने 2 उपग्रह है – पहला उपग्रह डिमोस सौरमण्डल का सबसे छोटा उपग्रह दूसरा उपग्रह फेबोस है।
- मंगल ग्रह पर 95 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड पायी जाती है।
- मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहा जाता है, क्योंकि वहाँ लाल मिट्टी ज्यादा मात्रा में होती है।
- इस ग्रह का तापमान 55oC से 130oC है।
- मंगल ग्रह अपनी कक्ष पर 25.19o झुका हुआ है।
- शुक्र ग्रह के साथ ही मंगल ग्रह को भी 1610 में गैलीलियो गैलिली ने अपने टेलीस्कोप से देखा था।
- इस ग्रह में कुल 3 अंदरूनी परतें है।
- इस ग्रह पर निक्स ओलम्पिया पर्वत स्थित है जो माउण्ट एवरेस्ट से 3 गुना अधिक ऊँचा है। इस पर्वत पर ओलम्पस मून नामक विशाल ज्वालामुखी स्थित है।
बृहस्पति ग्रह – Jupiter Planet in Hindi
- बृहस्पति ग्रह सूर्य से पाँचवे स्थान पर आता है।
- बृहस्पति ग्रह की सूर्य से दूरी 752.98 मिलियन किमी. है।
- बृहस्पति ग्रह का व्यास 1,42,984 किलोमीटर है।
- इसे शीतल ग्रह/मनुष्य एवं देवताओं पर शासन करने वाला ग्रह भी कहा जाता है।
- इस ग्रह को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 11 साल 317 दिन लगते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 47016 Km/h की रफ्तार से करता है।
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन सा हैं – Sabse Bada Grah
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति ग्रह है।
- अपने कक्ष पर घूमने में 9 घंटे 56 मिनिट लगते है। अपने कक्ष पर 45583 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 318 गुना बङा है।
- इस ग्रह पर 71 प्रतिशत हाइड्रोजन, 24 प्रतिशत हीलियम, 5 प्रतिशत अन्य द्रव्यमान है। इसलिए इस ग्रह को गैस से भरा हुआ गोला भी कहते है।
- इस ग्रह के अपने 79 उपग्रह है।
- यह पीले रंग का ग्रह है।
- यह ग्रह अपने कक्ष पर 3.12o झुका हुआ है।
- इस ग्रह का तापमान 108oC होता है।
- इसके 16 उपग्रह है, जिनमें ’गेनीमीड’ सबसे बङा सौरमण्डल का उपग्रह है।
- इस ग्रह में कुल 4 अंदरूनी परतें पायी जाती है।
- बृहस्पति ग्रह को 1609 में पहली बार गैलीलियो गैलिली ने अपने टेलीस्कोप से देखा था।
शनि ग्रह – Saturn Planet in Hindi
- शनि ग्रह सूर्य से छठें स्थान पर आता है।
- यह आकार में दूसरा सबसे बङा ग्रह है। आकश में पीले तारे के समान दिखाई पङता है।
- शनि ग्रह की सूर्य से दूरी 142.7 करोङ किमी. है।
- इसका व्यास 1,02,728 किलोमीटर है।
- इसे कुण्डली वाला ग्रह तथा कृषि का देवता भी कहते हैं।
- शनि ग्रह को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 29 साल 175 दिन लगते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 34705 Km/h की रफ्तार से करता है।
- अपने कक्ष पर घूमने में 10 घण्टे 40 मिनिट लगते है। अपने कक्ष पर 36840 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- इस ग्रह पर 96 प्रतिशत हाइड्रोजन, 3 प्रतिशत हीलियम और अन्य द्रव्यमान है। यह भी एक गैस का गोला है।
- यह ग्रह अपने कक्ष पर 26.73o झुका हुआ है।
- इसके कुल 57 उपग्रह हैं, जो अन्य ग्रहों से सर्वाधिक उपग्रह हैं।
- शनि ग्रह सबसे पहले 1610 में गैलीलियो गैलिली द्वारा खोजा गया है।
- शनि का सबसे बङा उपग्रह ’टिटाॅन’ है, जो आकार में बुध ग्रह के बराबर है। इस ग्रह का उपग्रह ’फोबे’ इस ग्रह की विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।
- शनि ग्रह की कुल 4 अंदरूनी परतें है।
- इसकी खास बात यह है कि इसकी बहुत बङी रिंग है, जो अन्य ग्रह की नहीं है।
अरुण ग्रह – Uranus Planet in Hindi
- अरुण ग्रह सूर्य से सातवें स्थान पर आता है।
- अरुण ग्रह की सूर्य से दूरी 2.9532 बिलियन किमी. है।
- इसका व्यास 51,118 किलोमीटर है।
- हरे रंग का ग्रह, लेटा हुआ ग्रह तथा स्वर्ग का देवता कहलाने वाला यह ग्रह आकार में तीसरा सबसे बङा ग्रह है।
- इस ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 84 साल लग जाते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 24516 Km/h की रफ्तार से करता है।
- अपने कक्ष पर घूमने में 17 घण्टे 14 मिनिट लगते है। अपने कक्ष पर 14794 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- इस ग्रह पर 83 प्रतिशत हाइड्रोजन, 15 प्रतिशत हीलियम, 2.3 प्रतिशत मीथेन आदि गैसें पायी जाती है। यह ग्रह भी गैस का गोला है।
- अरुण ग्रह अपने कक्ष पर 97.77o झुका हुआ है।
- पूर्व से पश्चिम की ओर चक्कर लगाने के कारण इस ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम में जबकि सूर्यास्त पूर्व में होता है।
- अरुण ग्रह के अपने 27 उपग्रह है। इसके सभी उपग्रह पृथ्वी की विपरीत दिशा में परिभ्रमण करते हैं। इस ग्रह में दिन 11 घंटे का होता है।
- अरुण ग्रह उल्टी दिशा में घूमता है।
- यह ग्रह अपनी परिक्रमा लुढ़कते-लुढ़कते पूरी करता है।
- इस ग्रह की खोज 13 मार्च 1781 में विलियम हर्शेल ने की थी।
- इस ग्रह का तापमान -197oC होता है।
- अरुण ग्रह में कुल 4 अदरूनी परतें है।
वरुण ग्रह – Neptune Planet in Hindi
- वरुण ग्रह सूर्य से आठवें स्थान पर आता है।
- वरुण ग्रह की सूर्य से दूरी 4.4753 बिलियन किमी. है।
- अपने कक्ष पर घूमने में 16 घंटे 12 मिनिट लगते है। अपने कक्ष पर 9719 Km/h की रफ्तार से घूमता है।
- इस ग्रह को सूर्य को एक चक्कर लगाने में 60190 दिन लगते है। यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 19548 Km/h की रफ्तार से करता है।
- यह ग्रह नीला रंग का है, क्योंकि इसमें मीथेन की मात्रा अधिक है। इसे समुद्र का देवता/जलीय ग्रह भी कहा जाता है।
- वरुण ग्रह अपनी कक्ष पर 29.56o झुका हुआ है।
- इस ग्रह के अपने 13 उपग्रह है।
- इस ग्रह पर 80 प्रतिशत हाइड्रोजन, 19 प्रतिशत हीलियम, 1 प्रतिशत मीथेन गैस पाई जाती है। इस ग्रह को बर्फीला गैस का गोला भी कहा जाता है। क्योंकि इस ग्रह का तापमान 200oC है।
- वरुण ग्रह की कुल 4 अंदरूनी परतें है।
- वरुण ग्रह की खोज 1846 ई. में एडम्स और लेवेरियर ने की थी।
सौरमंडल में पहले 9 ग्रह थे, लेकिन अब 8 ग्रह है क्योंकि ग्रहों की श्रेणी में से प्लूटो ग्रह को हटाकर प्लूटाॅइड की श्रेणी में शामिल कर दिया है। अब हम प्लूटो ग्रह के बारे में जानेंगे कि क्यों प्लूटो ग्रह को ग्रहों की श्रेणी से हटाया गया।
प्लूटो ग्रह – Pluto Planet in Hindi
- प्लूटो ग्रह की खोज क्लाइड टाॅमबाॅ ने 18 फरवरी 1930 में की थी। तब से प्लूटो को हमारे सौरमंडल के नौवा ग्रह के रूप में शामिल किया गया था।
- प्लूटो का नाम ’प्लूटो’ यह 11 साल की लङकी ने रखा जिसका नाम ’वेनेषिया बर्नी’ था। वह इंग्लैण्ड के ऑक्सफोर्ड में रहती थी। पर इनका 30 अप्रैल 2009 में निधन हो गया।
- प्लूटो ग्रह को यम ग्रह भी कहा जाता है।
- प्लूटो ग्रह की सूर्य से दूरी 590 करोङ किलोमीटर तक मानी जाती है।
- यह ग्रह सूर्य से इतना अधिक दूर है कि जहाँ सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है, वहीं प्लूटो तक सूर्य के प्रकाश को पहुँचने में लगभग 5 घण्टे लगते है।
- प्लूटो को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में 248 साल लगते है।
- यह सूर्य का चक्कर अण्डाकार लगता है।
- अपने कक्ष पर चक्कर लगाने में 366 दिन लगते है।
- यह ग्रह अपने अक्ष पर 122.53 झुका हुआ है।
- इस ग्रह के वायमुण्डल में नाइट्रोजन, मीथेन, कार्बन मोनोऑक्साइड पायी जाती है।
- प्लूटो पर पानी मौजूद, लेकिन ये बर्फ के रूप में जमा हुआ है, क्योंकि इसका तापमान -240oC से 218oC के बीच रहता है। प्लूटो ग्रह जमी हुई नाइट्रोजन की बर्फ पानी की बर्फ और पत्थर की बनी हुई है।
- प्लूटो ग्रह का व्यास 2370 किलोमीटर है।
- इस ग्रह का रंग काला, नारंगी और सफेद है।
- इस ग्रह के 5 उपग्रह है।
प्लूटो अब ग्रह क्यो नही है – Pluto Ab Grah Kyo Nahi Hai
सौरमंडल में ग्रह की जगह पाने के लिए जो गुण ग्रह में होने चाहिए वे निम्न हैं-
- यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता हो।
- यह ग्रह इतना बङा होना चाहिए कि अपने गुरुत्व बल के कारण इसका आकार लगभग गोलाकार हो।
- उस ग्रह में इतना जोर हो कि ये बाकी पिंडो से अलग अपनी स्वतंत्र अक्ष बना सकें।
हमारे आठ ग्रहों में तो ये तीनों गुण थे, परन्तु प्लूटो में तीसरा गुण नहीं था, क्योंकि प्लूटो ग्रह के अक्ष पर काइपर बेल्ट है और उस काइपर बेल्ट में धूमकेतु, छोटे-बङे पिण्ड है। प्लूटो का गुरुत्वाकर्षण बल इतना कमजोर है कि वो अपने अक्ष पर आने वाले पिंड और धूमकेतु को अपनी ओर नहीं खींच पाया और अपने अक्ष के रास्ते को उस पिंडो से और धूमकेतु से साफ नहीं कर पाया। बाकी आठ ग्रह की तुलना में प्लूटो का गुरुत्वाकर्षण बल कम होने के कारण प्लूटो को सौरमंडल में नहीं गिना जाता।
साथ ही बाकी आठ ग्रह पर तो सूर्योदय पूर्व दिशा से होता और सूर्यास्त पश्चिमी दिशा में होता है। लेकिन प्लूटो ग्रह सूर्य की परिक्रमा विपरीत दिशा में करता है इसी कारण इस ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम दिशा से होता है और सूर्योस्त पूर्व दिशा में होता है। ये सारी बातें International Astronomical Union (IAU) को प्लूटो ग्रह के बारे में पता चली। फिर इन्होंने प्लूटो ग्रह की उपाधि वापस ले ली और इसे नासा के चीफ जिम ब्राइडनस्टिन ने 24 अगस्त 2006 को बौना ग्रह की उपाधि दे दी। तब से प्लूटो ग्रह बौना ग्रह कहलाता है।
इसे एक खगोलीय पिंड मानते हुए इसे ग्रहों की श्रेणी से बाहर निकाल दिया। प्लूटो एक बौना ग्रह है। प्लूटो बहुत छोटा ग्रह है, यह पृथ्वी के उपग्रह चन्द्रमा से भी छोटा है। इस वजह से भी इसे ग्रह के दर्ज से हटाया गया। प्लूटो को सौरमंडल के नवें ग्रह की श्रेणी से हटाकर खगोलशास्त्रियों ने उसे प्लूटाॅइड की श्रेणी में शामिल कर दिया है।
आज के आर्टिकल में हमनें सौर मंडल और ग्रहों के बारे (Planets Name in Hindi) में विस्तार से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि आपने जरुर कुछ नया सीखा होगा।
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