• Home
  • Rajasthan History
  • India GK
  • Grammar
  • Articals
  • Psychology

Gk Hub

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • Rajasthan History
  • India GK
  • Grammar
  • Articals
  • Psychology

सरदार वल्लभ भाई पटेल – Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi

Author: K.K.SIR | On:16th Dec, 2021| Comments: 0

Tweet
Share
Pin
Share
0 Shares

Table of Contents

  • सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी
  • खेङा आंदोलन
  • कैसे मिली वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि ?
  • बारडोली सत्याग्रह (बारदोली सत्याग्रह )
  • आजादी के बाद पटेल जी का जीवन
  • भारत का एकीकरण
  • जूनागढ़ रियासत
  • हैदराबाद रियासत
  • जम्मू एवं कश्मीर
  • सरदार वल्लभाई पटेल की मूर्ति (Statue of Unity)

आज के आर्टिकल में हम सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) के जीवन परिचय को विस्तार से पढेंगे ,इनसे जुड़ें महत्त्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

Sardar Vallabhbhai
Sardar Vallabhbhai

15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने हमारे देश को आजाद तो किया, लेकिन पाकिस्तान के साथ-साथ देश के 562 टुकङे भी कर दिये। देश की 562 देशी रियासतों को स्वतंत्र अधिकार दिए जिससे सभी राजाओं में अपनी रियासतों को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की इच्छा ने जन्म लिया और इस दौर में इन रियासतों को एकता के सूत्र में बांधने वाले, भारतीय संघ का निर्माण करने वाले, 562 रियासतों का एकीकरण करने वाले लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ही थे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल को इन नामों से भी जाना जाता है –

भारत का लोहपुरुष

भारत का बिस्मार्क

लोह पुरुष

⋅सरदार वल्लभाई भाई पटेल हमारे भारत देश के बहुत प्रसिद्ध सामाजिक और राजनीतिक नेताओं में से एक थे। वे एक वकील तथा राजनीतिक कार्यकत्र्ता भी थे। जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्ष में अहम भूमिका निभा कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे गांधीजी के विचारों व सिद्धांतों से बहुत प्रेरित थे। जिन्होंने देश के कई कार्य किए और आजादी के बाद वल्लभभाई पटेल देश के प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद थे, किन्तु महात्मा गांधीजी के आग्रह पर इन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। देश के एकीकरण की दिशा में उनके प्रयासों ने उन्हें देश का लौहपुरुष नाम दे दिया।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी

⋅सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नाडियाड में इनके ननिहाल में हुआ। वे खेङा जिले के कारमसद में रहने वाले थे। उनके पिता का नाम झबेरभाई पटेल था और ये अपने पिता की चैथी संतान थी। इनकी माता का नाम लाडबा पटेल था।

सरदार पटेल के पिता झबेरभाई पटेल सन् 1857 में रानी लक्ष्मीबाई की सेना में सिपाही थे। उन्होंने लक्ष्मीबाई और नानासाहब की सेनाओं के साथ मिलकर 1857 की स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। सरदार पटेल ने प्राइमरी शिक्षा कारमसद में ही प्राप्त की। बचपन से उनके परिवार में उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता था।

1893 में 16 साल की उम्र में उनका विवाह झावेर बा के साथ कर दिया गया। 1897 में 22 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास की और सन् 1900 में जिला अधिवक्ता की परीक्षा पास की। जिससे उन्हें वकालत करन की अनुमति मिली और गोधरा में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। 1902 में इन्हें वकालत के काम से बोरसद शिफ्ट कर दिया गया। अपनी वकालत के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल कई बार ऐसे केस लङे जिन्हें दूसरे हारा हुआ मानते थे। उनकी प्रभावशाली वकालत का ही कमाल था कि उनकी प्रसिद्धी दिनों-दिन बढ़ती चली गई।

11 जनवरी 1909 में सरदार पटेल बाकी दिनों की तरह की कोर्ट में केस लङ रहे थे, उस समय उन्हें एक तार मिला जिसमें उनकी पत्नी की मृत्यु की खबर थी। पत्र का पढ़कर उन्होंने उसे इस तरह जेब में रख लिया जैसे कुछ हुआ ही नहीं। 2 घंटे तक बहस की, केस लङा और केस जीत लिया।

बहस पूरी होने के बाद में न्यायधीश और बाकी लोंगो को पता चला कि सरदार पटेल की पत्नी का निधन हो चुका है और उन्होंने पटेल से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा-मैं उस वक्त अपना फर्ज निभा रहा था जिसका शुल्क मेरे मुअकिल ने मुझे न्याय के लिए दिया था। मैं उसके साथ अन्याय कैसे कर सकता था।

जुलाई 1910 में पटेल ने इंग्लैंड जाकर मिडल टेम्पल में लाॅ की पढ़ाई के लिए दाखिला दे दिया। वहाँ उन्होंने आधे समय में ही पूरा कोर्स कर लिया और फर्स्ट रैंक हासिल की जिसके लिए उन्हें 50 पाउंड इनाम भी मिला। 1912 में एग्जाम पूरे होते ही दूसरे दिन भारत आने के लिए रवाना हो गए। जनवरी 1913 में मिडल टेम्पल के मिनिस्टर बन गए और अहमदाबाद में प्रेक्टिस शुरू कर दी। जल्द ही देश के अग्रिम पंक्ति के क्रिमिनल लाॅयर बन गए।

मार्च 1914 में इनके पिता झाबेर भाई का देहान्त हो गया। सरदार वल्लभभाई पटेल को 1915 में गुजरात सभा के सदस्य बनाए गए। नवम्बर 1917 में पहली बार गांधी जी से सीधे सम्पर्क में आए।

खेङा आंदोलन

1918 में अहमदाबाद जिले में अकाल राहत का व्यवस्थित तरीके से प्रबंधन किया। सरकार द्वारा अकाल प्रभावित खेङा जिले में वसूले जा रहे टैक्स के खिलाफ आंदोलन कर वसूली से मुक्त करवाया। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की पहली सफलता थी।

सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुजरात सभा को सन् 1919 में गुजरात सुबे की कांग्रेस कमेटी में परिवर्तित कर दिया। जिससे सचिव सरदार पटेल और अध्यक्ष मोहनदास करमचन्द गांधी बने। 1920 के असहयोग आंदोलन में सरदार पटेल ने स्वदेशी खादी धोती और चम्पल अपनाये तथा विदेशी कपङों की होली चलाई। अहमदाबाद नगर पालिका चुनाव में सभी ऑपन सीटों पर जीत दर्ज की। तिलक स्वराज फंड के लिए 10 लाख रूपये एकत्रित किए और केवल गुजरात में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 3 लाख सदस्य बनाए।

सरदार वल्लभाई पटेल सन् 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 36वें अहमदाबाद अधिवेशन की स्वागत सीमित के अध्यक्ष बने और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पहले अध्यक्ष भी बने। 1922 में सरकार ने बौरसद तालूका की समस्त जनता पर हदिया नाम से एक दंडात्मक कर लगा दिया जिसके विरोध में पटेल ने 1922 से 1923 में बौरसद में सत्याग्रह कर पिण्ड छुङवाया। इसके बाद गांधीजी वल्लभभाई पटेल को किंग ऑफ बौरसद कहते थे।

इसी दौरान 1922 में नागपुर में राष्ट्र झण्डा आंदोलन का सफल नेतृत्व किया। 1922 में ही गुजरात विद्यापीठ के लिए 10 लाख रूपये एकत्रित कर लगाए। सरदार वल्लभाई पटेल चुनाव जीत कर 1923 में अहमदाबाद नगरपालिका के निर्वाचित अध्यक्ष बने।

1927 में गुजरात में अब तक की सबसे भयांनक बाढ़ आई जिसस निपटने के लिए इन्होंने सरकार से एक करोङ रूपये मंजूर करवाये। 1928 में सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद नगरपालिका अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मोर्गी में हुए काठियावाङ सम्मेलन की अध्यक्षता करने पहुँच गए।

कैसे मिली वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि ?

बारडोली सत्याग्रह (बारदोली सत्याग्रह )

सन् 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ। जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया। प्रांतीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी तथा लगान में 30 प्रतिशत वृद्धि कर दी गई थी। लगान बढ़ने से किसान काफी परेशान थे। वल्लभाई पटेल ने सरकार की मनमानी का खङा विरोध किया। सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की भी कोशिश की और कई कठोर कदम उठाए, लेकिन आखिर में सरकार को विवश होकर पटेल की आगे झुकना पङा और किसानों की मांगे पूरी करनी पङी। 2 अधिकारियों की जांच के बाद लगान 30 फीसदी से 6 फीसदी कर दिया गया।

बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहाँ की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में भी इस उपाधि को सार्वजनिक मान्यता दे दी गई।

बारडोली सत्याग्रह ?

आज़ादी की लड़ाई के दौरान 1928 में बारडोली सत्याग्रह इतिहास के पन्नों में ख़ास महत्व रखता है। इस चार महीने के सत्याग्रह में सूरत के 600 स्क्वायर किलोमीटर में फैले तालुका के 137 गांवों के किसानों ने न सिर्फ ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी, बल्कि इस लड़ाई को जीता भी था।

सन् 1929 में महाराष्ट्र राजनीतिक आंदोलन की अध्यक्षता की और पूरे महाराष्ट्र में घूमे। गांधीजी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण इनको 7 मार्च 1930 को गिरफ्तार कर लिया गया और साबरमती जेल में डाल दिया गया। 26 जून, 1930 को सरदार पटेल को रिहा कर दिया गया और 31 जुलाई 1930 को तीन महीने के लिए कारावास की सजा दे दी गयी। सन् 1931 में सरदार पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की।

वायसराय लाॅर्ड अरविन्द के साथ शिमला वार्ता में गांधी के साथ रहे। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान भी फिर गिरफ्तार के जनवरी 1932 से जुलाई 1934 तक गांधीजी के साथ इन्हें कैद रखा गया। इसी दौरान इनके बङे भाई विट्टल भाई पटेल का देहान्त हो गया। नाक की गम्भीर बीमारी के कारण इन्हें जुलाई 1934 में रिहा कर दिया गया। 1935 से 1942 तक ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संसदीय बोर्ड के चैयरमैन रहे और 1937 से 1939 तक 8 सुबों में कांग्रेसी मंत्रिमंडल प्रवेक्षक रहे।

चुनावों में उम्मीदवारों के चयन का कार्यभार भी इन्हीं पर था। ग्रेट ब्रिटेन पर भारत की स्वतंत्रता पर दबाव बनाने हेतु गांधी जी के सत्याग्रह में भाग लेने पर 18 नवम्बर, 1940 में Defense of India Act के तहत इन्हें गिरफ्तार किया गया। आंत की गम्भीर बीमारी के कारण इन्हें अगस्त 1941 में रिहा कर दिया गया। एक वर्ष बाद अगस्त 1942 में भारत छोङा आन्दोलन में भाग लेने पर अहमदनगर फोर्ट में नेहरू, आजाद और कई बङे नेताओं के साथ इन्हें भी यरवडा जेल में डाल दिया गया।

जून 1945 में शिमला वार्ता में भाग लेने हेतु इन्हें जेल से रिहा करना पङा। 2 सितम्बर 1946 में सरदार वल्लभाई पटेल गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने। 4 अप्रैल 1947 को वल्लभ विद्यानगर विट्ठलभाई महा विद्यालय का उद्घाटन किया गया।

आजादी के बाद पटेल जी का जीवन

गांधी के आग्रह पर पटेल जी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने से मना कर दिया। सरदार पटेल 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधान मंत्री, गृह मंत्री, शाही राज्य मंत्री (रियासत) तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने। 13 नवम्बर 1947 को सोमनाथ महादेव मंदिर का पुननिर्माण का निश्चय किया। नागपुर (8 नवम्बर), बनारस (25 नवम्बर), इलाहाबाद (27 नवम्बर) विश्वविद्यालयों में इन्हें 1948 को Doctor of Laws डिग्री प्रदान की गई। 15 फरवरी 1948 में भावनगर राज्य संघ की स्थापना की और 7 अप्रैल 1948 को राजस्थान राज्य संघ की स्थापना की।

22 अप्रैल 1948 को मध्यमार्ग संघ की स्थापना का एग्रीमेंट किया और 13 से 16 सितंबर 1948 को हैदराबाद पुलिस एक्शन कर व्यवस्थित किया। सरदार वल्लभाई पटेल ने 7 अक्टूबर से लेकर 15 नवम्बर 1949 तक जवाहर लाल नेहरू की अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा की विदेश यात्रा के दौरान सफलता पूर्वक प्रधान मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। 15 दिसम्बर 1950 को सरदार वल्लभ भाई पटेल का बम्बई में निधन हो गया। जहाँ पर उनका अन्तिम संस्कार भी किया गया। सरदार पटेल के निधन के 41 वर्ष बाद 1991 में भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ’भारत रत्न’ से इन्हें नवाजा गया। ये पुरस्कार इन्हें इनके पौत्र विपनभाई पटेल द्वारा दिया गया।

भारत का एकीकरण

आजादी के पहले और आजादी के 1 वर्ष बाद तक हमारे देश में कई ऐसे हिस्से थे जो राजनीतिक तौर पर एक इकाई के तौर पर हमारे देश के हिस्से नहीं थे। प्रत्यक्ष रूप से इसके दो हिस्से थे एक ब्रिटिश भारत का वो हिस्सा जो 15 अगस्त 1947 के बाद राजनीतिक तौर पर आजाद हो गया और दूसरा हिस्सा था रियासतों वाला भारत। वो भारत जहाँ राजा अपना कब्जा जमाए बैठे थे।

रियासतों वाले इस भारत में 562 ऐसे हिस्से थे जो भारत का हिस्सा नहीं थे। देश अभी भी टुकङों में बंटा हुआ था। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया पर ये आजादी आसानी से नहीं मिली और देश को बंटवारे का जहर पीना पङा। 14 अगस्त 1947 को दुनिया के नक्शे पर एक नए देश पाकिस्तान का उदय हुआ। जिसके लिए लोगों का छूट दी गई थी कि चाहे तो वो हिन्दुस्तान में रहे, चाहे पाकिस्तान में।

लेकिन असली मसला देश की रियासतों और रजवाङों का था। भारत की तरफ से कहा गया कि ’रियासतों को तीन विषयों सुरक्षा, विदेश और संचार व्यवस्था के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया गया जाएगा।’ कई रियासतों ने भारत की बात मानी और विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। सरदाल वल्लभ भाई पटेल को वी. पी. मेनन द्वारा रियासतों के एकीकरण का कार्य सौंपा गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयत्नों से जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर के अतिरिक्त सभी देशी रियासतें भारत में विलय के लिए तैयार हो गई।

जूनागढ़ रियासत

जूनागढ़ भारत की सबसे छोटी रियासत थी जो कि चारों ओर से भारत का भूमि से घिरी हुई थी। वहाँ के नवाब ने जूनागढ़ का विलय पाकिस्तान में करने की घोषणा कर दी परन्तु जूनागढ़ की अधिकांश जनता हिंदू थी और वह भारत में मिलना चाहती थी। इसलिए उन्होंने नवाब के विरुद्ध विरोध किया इससे नवाब पाकिस्तान भाग गया और जूनागढ़ का विलय भारत में होगा गया।

हैदराबाद रियासत

यह भारत की सबसे बङी रियासत थी। वहाँ के निजाम ने भी पाकिस्तान से प्रोत्साहित होकर स्वतंत्र राज्य रखने का दावा किया किया। इससे पटेल थोङे परेशान हुए। 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना हैदराबाद में प्रवेश कर गयी और तीन दिनों के बाद निजाम ने हैदराबाद का भारत में विलय स्वीकार कर लिया।

जम्मू एवं कश्मीर

यह रियासत एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या थी। जिसे 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमितशाह जी ने विशेष राज्य का दर्जा दे दिया और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया। सरदार पटेल ने भारत को अखण्ड भारत बनाने का जो स्वप्न देखा था। उसे भी पूरा कर दिया गया।

सरदार वल्लभाई पटेल की मूर्ति (Statue of Unity)

Statue of Unity
Statue of Unity
  • इसकी मूर्ति को बनाने की घोषणा 7 अक्टूबर 2010 को की गई थी और इनकी नींव 31 अक्टूबर 2013 को रखी गई थी।
  • यह मूर्ति गुजरात के नर्मदा जिले में केवङिया स्थित सरदार सरोवर बांध से 3 किमी दूर साधु द्वीप पर स्थित है। इस मूर्ति की ऊँचाई 182 मीटर (597 फीट) है।
    यह नर्मदा नदी के किनारे पर है और इसे 12 किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है।
  • इसकी नींव गुजरात के मुख्यमत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखी गई। इस मूर्ति से पहले दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा चीन में स्थित महात्मा बुद्ध की प्रतिमा थी जिसकी ऊँचाई 153 मीटर थी।
  • इस मूर्ति का निर्माण पद्मभूषण से सम्मानित 92 वर्षीय प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुथार द्वारा की गई। इस मूर्ति का अनावरण श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस के मौके पर किया गया था।
  • इस प्रतिमा को बनाने में 3000 करोङ की लागत हुई और इसकी निर्माण अवधी 5 वर्ष रही।

ब्रह्मपुत्र नदी की पूरी जानकारी पढ़ें

गंगा नदी की पूरी जानकारी

 तीस्ता नदी की पूरी जानकारी पढ़ें

Tweet
Share
Pin
Share
0 Shares
Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें :

  • एफिलिएट मार्केटिंग क्या है – Affiliate Marketing Kya Hai || घर बैठे लाखों कैसे कमायें

    एफिलिएट मार्केटिंग क्या है – Affiliate Marketing Kya Hai || घर बैठे लाखों कैसे कमायें

  • Rajathan Current GK – राजस्थान करंट जीके || समसामयिक घटनाचक्र – Current Affairs 2022

    Rajathan Current GK – राजस्थान करंट जीके || समसामयिक घटनाचक्र – Current Affairs 2022

  • GenYoutube App Download – Apk, Login, Register, Video

    GenYoutube App Download – Apk, Login, Register, Video

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Primary Sidebar

Recent Posts

  • राजस्थान के मुख्य सचिव – Chief Secretary of Rajasthan || राजस्थान सचिवालय
  • Rush Apk Download – Latest Version App, Register, Login
  • स्टर्नबर्ग का त्रितंत्र बुद्धि सिद्धांत – Sternberg Ka Tritantra Buddhi Siddhant
  • एफिलिएट मार्केटिंग क्या है – Affiliate Marketing Kya Hai || घर बैठे लाखों कैसे कमायें
  • Rajathan Current GK – राजस्थान करंट जीके || समसामयिक घटनाचक्र – Current Affairs 2022
  • GenYoutube App Download – Apk, Login, Register, Video
  • राजस्थान के प्रमुख खिलाड़ी – Rajasthan ke Pramukh Khiladi
  • राजस्थान के पशु मेले – Rajasthan ke pramukh Pashu Mele
  • राजस्थान में जल संरक्षण की विधियाँ और तकनीक – REET Mains 2023
  • राजस्थान की प्रमुख बोलियाँ – Rajasthan ki Boliyan

Categories

  • Amazon Quiz Answers
  • Answer Key
  • App Review
  • Basic Chemistry
  • Basic Knowledge
  • Biography
  • Biography in Hindi
  • Celebrity
  • Chalisa
  • computer knowledge
  • Cricket
  • CTET
  • Ecommerce
  • Education
  • Election Result
  • Entertainment Service
  • Featured
  • Games
  • GK Questions
  • Government Scheme
  • Government Schemes
  • Health
  • hindi grammer
  • india gk
  • India History
  • Indian History GK Quiz
  • Ipl cricket
  • latest news
  • LOAN
  • Math
  • Money Earn Tips
  • NEET Exam
  • Pahada Table
  • political science
  • Psychology
  • Rajasthan Current Gk
  • Rajasthan Exam Paper
  • Rajasthan Exam Solved Paper
  • Rajasthan Gk
  • rajasthan gk in hindi
  • Rajasthan GK Quiz
  • Rashifal
  • Reasoning Questions in Hindi
  • Reet Exam Gk
  • REET IMPORTANT QUESTION
  • Reet Main Exam
  • Religious
  • Sanskrit Grammar
  • Science
  • Technical Tips
  • ugc net jrf first paper
  • Uncategorized
  • word history
  • World geography
  • Yoga
  • भूगोल
  • राजस्थान का इतिहास
  • राजस्थान का भूगोल

10 Popular Posts

1500+ Psychology Questions in Hindi || मनोविज्ञान प्रश्न || REET/CTET/RPSC
REET Exam Leval 2 -सामाजिक-महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी || प्रतिदिन 30 प्रश्न
मौर्यवंश पीडीएफ़ नोट्स व वीडियो-Rajasthan Gk – Important Facter
REET Exam Level 2 Part-2 -सामाजिक-महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी || प्रतिदिन 30 प्रश्न
भारतीय संविधान के संशोधन – Important Amendments in Indian Constitution
100 flowers Name in English- Names of Flowers
Sukanya Samriddhi Yojana-सुकन्या योजना की पूरी जानकारी देखें
REET Exam Level 2 Quiz-8-सामाजिक-महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी || प्रतिदिन 30 प्रश्न
psychology quiz 3
Corona Virus || कोरोना वायरस क्या है || लक्षण || बचाव

Footer

जनरल नॉलेज

 Indian Calendar 2022
 Reasoning Questions in Hindi
 बजाज पर्सनल लोन की पूरी जानकारी
 हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित
 हॉटस्टार लाइव टीवी ऐप कैसे डाउनलोड करें
 आज का राशिफल
 कल मौसम कैसा रहेगा?
 WinZO Game App क्या है
  कैरम बोर्ड गेम कैसे खेलें
 स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
 पर्यावरण प्रदूषण क्या है

Top 10 Articles

 100 Pulses Name in Hindi and English
 60 Dry Fruits Name In Hindi and English
 Week Name in English Hindi
 100 Vegetables Name In English and Hindi
 100 Animals Name in English
 100 flowers Name in English
 Week Name in English Hindi
 Cutie Pie Meaning in Hindi
 At The Rate Kya Hota Hain
 Colours Name in English

Top 10 Articles

 Spice Money Login
 DM Full Form
 Anjana Om Kashyap Biography
 What is Pandora Papers Leaks
 Safer With Google
 Turn Off Google Assistant
 Doodle Champion Island Games
 YouTube Shorts क्या है
 Starlink Satellite Internet Project Kya Hai
 Nitish Rana biography in Hindi
Copyright ©2020 GKHUB DMCA.com Protection Status Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us